
मुंबई ,7 नवंबर (हि. स. )।भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरित करने वाले और राष्ट्रवाद के प्रतीक बने वंदे मातरम गीत ने आज 150 वर्ष पूरे कर लिए। इस ऐतिहासिक गीत की गौरवशाली परंपरा को नमन करने के लिए, आज जिला परिषद ठाणे में वंदे मातरम गीत का समूह गायन का कार्यक्रम उत्साहपूर्वक आयोजित किया गया।
यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन और सांस्कृतिक कार्य मंत्री एवं कौशल विकास मंत्री की संकल्पना के तहत राज्य भर में कार्यान्वित एक पहल के तहत आयोजित किया गया था।
यह कार्यक्रम सुबह जिला परिषद के मुख्य प्रशासनिक भवन परिसर में आयोजित किया गया। उपस्थित सभी अधिकारियों, कर्मचारियों एवं नागरिकों ने एक साथ वंदे मातरम गीत गाकर देशभक्ति एवं एकता का संदेश दिया।
अपर मुख्य कार्यपालन अधिकारी अजिंक्य पवार, उप मुख्य कार्यपालन अधिकारी (ग्राम पंचायत) प्रमोद काले, मुख्य लेखा एवं वित्त अधिकारी वैजनाथ बुराडकर, शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक) बालासाहेब रक्षे, उप मुख्य लेखा एवं वित्त अधिकारी अंजलि आंबेकर, लेखा अधिकारी (2) रवींद्र सपकाले सहित जिला परिषद के विभिन्न विभागाध्यक्ष, अधिकारी एवं कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
प्रसिद्ध लेखक बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास आनंदमठ से उद्भूत वंदे मातरम गीत ने अनेक क्रांतिकारियों के मन में स्वतंत्रता की ज्वाला प्रज्वलित की। चाहे वह स्वतंत्रता संग्राम का आह्वान हो या स्वतंत्रता के बाद के भारत की एकता, देशभक्ति और गौरव का, इस गीत ने प्रत्येक भारतीय के हृदय को छुआ है।
कार्यक्रम के अंत में सभी ने भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारों से क्षेत्र को गुंजायमान कर दिया। ठाणे जिला परिषद के अधिकारियों और कर्मचारियों ने सामूहिक गायन के माध्यम से राष्ट्रगान को सलामी दी और देशभक्ति का संदेश दिया।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा