


एक्सिओम-4 मिशन की सफल समाप्ति, मंगलवार को पृथ्वी पर होगी वापसी
नई दिल्ली, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । भारत के लिए ऐतिहासिक क्षणों से भरे एक्सिओम-4 मिशन की वापसी यात्रा शुरू हो चुकी है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और उनके तीन अंतरराष्ट्रीय सहयोगी पेगी व्हिटसन (अमेरिका), स्लावोश उजनास्की-विस्निवेस्की (पोलैंड) और तिबोर कापू (हंगरी) अब पृथ्वी की ओर लौट रहे हैं।
स्पेस एक्स ने ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पुष्टि की है कि उनका ड्रैगन कैप्सूल सफलतापूर्वक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) से अलग हो चुका है। अब यह कैप्सूल कई “डिपार्चर बर्न्स” की प्रक्रिया से गुजरेगा ताकि वह धीरे-धीरे आईएसएस से दूर हो सके और पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर सके। 15 जुलाई, मंगलवार को दोपहर तीन बजे (भारतीय समयानुसार) इसकी कैलिफोर्निया तट के पास महासागर में स्प्लैशडाउन की योजना है।
स्प्लैशडाउन के बाद ग्रुप कैप्टन शुक्ला और अन्य अंतरिक्षयात्रियों को सात दिन के पुनर्वास कार्यक्रम से गुजरना होगा। इसका उद्देश्य उन्हें दोबारा धरती की गुरुत्वाकर्षण प्रणाली के अनुरूप ढालना है, क्योंकि अंतरिक्ष में शून्य गुरुत्वाकर्षण में शरीर की कार्यप्रणाली बदल जाती है।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला आईएसएस पर 14 दिन का सफल मिशन पूरा करने वाले पहले भारतीय बने हैं। इससे पहले भारत के केवल एक अंतरिक्ष यात्री विंग कमांडर राकेश शर्मा ने 1984 में अंतरिक्ष की यात्रा की थी। शुक्ला ने इस मिशन के दौरान भारत से जुड़े सात वैज्ञानिक प्रयोग भी किए, जिनमें सूक्ष्मगुरुत्व में जैविक प्रतिक्रिया, सामग्री व्यवहार और अंतरिक्ष-प्रेरित स्वास्थ्य परिवर्तन जैसे परीक्षण शामिल हैं। इसके अलावा, एक्सिओम स्पेस के आउटरीच और वैज्ञानिक मिशन का हिस्सा रहे इस प्रयोग ने अंतरिक्ष में पानी के अनोखे व्यवहार पर भी प्रकाश डाला।
इससे पहले, आईएसएस से विदाई के दौरान शुभांशु शुक्ला ने एक भावुक भाषण दिया। जिसमें उन्होंने कहा, “अंतरिक्ष से देखा जाए तो भारत महत्वाकांक्षी, निडर, आत्मविश्वासी और गर्व से भरा दिखाई देता है।” इस दौरान उन्होंने राकेश शर्मा के प्रसिद्ध शब्दों को दोहराते हुए कहा, “सारे जहां से अच्छा भारत आज भी वैसा ही दिखता है।”
—————
(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
