
मुंबई,12 अगस्त ( हि.स.) । आज के तनावपूर्ण और प्रदूषित संसार में, अस्पताल न केवल उपचार का स्थान है, बल्कि मानसिक संबल का भी स्थान है। किसी मरीज़ के लिए, बीमारी से लड़ते हुए, जितनी ज़रूरी डॉक्टर की दवाइयाँ हैं, उतनी ही ज़रूरी उसके मन और आत्मा को शांति देने वाली हरियाली भी है। इसी जागरूकता के साथ, ठाणे सिविल अस्पताल में मानसिक थकान दूर करने वाली एक अलग गतिविधि का आयोजन किया गया।
सामाजिक वानिकी विभाग के सहयोग से अस्पताल परिसर में फलदार और स्थानीय वृक्ष लगाए गए। आम, जंभोल, चीकू जैसे फलदार वृक्ष और बड़, पीपल, नीम जैसे स्थानीय वृक्ष भविष्य में अस्पताल परिसर में छाया, ताज़ी हवा और ताज़गी लाएँगे।
अस्पताल के जिला शल्य चिकित्सक डॉ. कैलाश पवार और अतिरिक्त जिला शल्य चिकित्सक डॉ. धीरज महांगड़े
अस्पताल के डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिक्स के साथ-साथ इलाज के लिए आए कुछ मरीज़ों और उनके परिजनों ने भी इस पहल में उत्साहपूर्वक भाग लिया। पौधे लगाते समय सभी के चेहरों पर मुस्कान और आँखों में संतुष्टि की चमक थी।
हरियाली सिर्फ़ सुंदरता के लिए नहीं है, यह मन को शांति देती है, स्वास्थ्य सुधारती है और मरीज़ों के ठीक होने की प्रक्रिया को तेज़ करती है। ठाणे सिविल अस्पताल की इस पहल से, बीमारी से जूझ रहे हर व्यक्ति को प्रकृति का आलिंगन मिलेगा। जैसे-जैसे पेड़ बड़े होंगे, वे फल देते रहेंगे, छाया प्रदान करते रहेंगे और पीढ़ियों तक आशा का संदेश देते रहेंगे।
ठाणे जिला सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉ कैलाश पवार ने बताया कि यह पहल सिर्फ़ वृक्षारोपण नहीं, बल्कि प्रकृति और स्वास्थ्य का एक सुंदर संगम है। जहाँ हर पत्ता मरीज़ों को बताएगा, आप अकेले नहीं हैं, प्रकृति आपके साथ है। ठाणे सिविल अस्पताल के साथ-साथ ज़िले के सभी सरकारी अस्पतालों में भी इसी तरह वृक्षारोपण किया गया है। अब तक लगभग एक हज़ार पेड़ लगाए जा चुके हैं।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
