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राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य की घड़ियाल संरक्षण की दिशा में शानदार उपलब्धि

घड़ियाल प्रजनन

– इस साल रहा घड़ियाल प्रजनन का सफल सीजन

भोपाल, 19 जून (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य ने घड़ियालों के संरक्षण में शानदार उपलब्धि हासिल की है। इस वर्ष अभयारण्य में घड़ियाल प्रजनन का सफल सीजन रहा है। इस साल विभिन्न नेस्टिंग साइड पर बड़ी संख्या में मादा घड़ियालों ने घोंसले बनाए। इन घोंसलों से घड़ियाल शिशु को सुरक्षित निकालना प्रारंभ हो चुका है।

जनसम्पर्क अधिकारी केके जोशी ने गुरुवार को बताया कि अभी तक नंदी गांव में 46 घोंसले, बरौली में 32, बाबू सिंह घेर में 20, डाग वसई में 16, रैड्डी में 7 और भरा में 5 घोंसलों में से घड़ियालों के बच्चों को निकाला जा चुका है। इसके अतिरिक्त अन्य स्थलों पर भी घोंसलों से बच्चे निकल रहे हैं। चम्बल की सहायक नदी कूनो में भी 12 घोंसलों से बच्चे निकल चुके हैं, जो घड़ियालों की बढ़ती उपस्थिति और सफल प्रजनन का संकेत है।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य के अधिकारियों के कुशल मार्गदर्शन और फील्ड में कार्यरत वनकर्मियों के अथक प्रयासों से यह सफलता मिली है। घड़ियाल प्रजनन स्थलों की पहचान, घोंसलों का चिन्हांकन और सुरक्षा की पूरी प्रक्रिया में फ्रंटलाइन स्टॉफ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वनकर्मियों ने घोंसलों को खोजकर उनके ऊपर कांटे लगाकर उन्हें सियार एवं परभक्षियों से सुरक्षित किया तथा हेंचिंग के समय इन कांटों को सावधानीपूर्वक हटाकर बच्चों को सुरक्षित निकालना सुनिश्चित किया।

वन विभाग द्वारा राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य क्षेत्र से 200 घड़ियाल अण्‍डों को एकत्र कर उन्हें घड़ियाल पुनर्वास केन्द्र देवरी भेजा गया। वहाँ उन्हें विशेष देखरेख में रखा गया। इनमें से 195 अण्डों से सफलतापूर्वक बच्चों का जन्म हुआ है, जिनका पालन-पोषण किया जा रहा है। यह समूचा प्रयास चम्बल क्षेत्र में घड़ियाल संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण है, जो वन विभाग के समर्पण, वैज्ञानिक प्रबंधन और स्थायी पारिस्थितिकी तंत्र के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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(Udaipur Kiran) तोमर

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