श्रीनगर, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । जम्मू और कश्मीर के ग्रैंड मुफ्ती ने श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर बार-बार होने वाली नाकेबंदी और व्यवधानों के कारण घाटी में फल उत्पादकों को हो रही कठिनाइयों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप करने का आह्वान किया है।
सोमवार को जारी एक प्रेस बयान में ग्रैंड मुफ़्ती ने कहा कि कश्मीर के बागवानी क्षेत्र की जीवनरेखा माने जाने वाले इस राजमार्ग को अक्सर बंद कर दिया जाता है या इसका रखरखाव ठीक से नहीं किया जाता, जिससे जल्दी खराब होने वाले फलों की खेपों के परिवहन में भारी देरी होती है। उन्होंने कहा कि सेब, नाशपाती और अन्य उत्पादों की पूरी खेप लंबे समय तक परिवहन के कारण क्षतिग्रस्त हो रही है या उसका मूल्य कम हो रहा है जिससे हज़ारों परिवार आर्थिक तंगी में हैं।
विकल्पों की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए ग्रैंड मुफ़्ती ने भारत सरकार से बारामूला से दिल्ली की फल मंडी तक एक समर्पित मालगाड़ी सेवा की सुविधा प्रदान करने की अपील की जिससे बार-बार लोडिंग और अनलोडिंग रुके बिना खेपों का निर्बाध परिवहन संभव हो सके। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि निष्पक्षता और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए घाटी के अन्य हिस्सों से भी उत्पाद एकत्र करने की व्यवस्था की जानी चाहिए।
बयान में कहा गया है कि फल उद्योग कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इस महत्वपूर्ण क्षेत्र की सुरक्षा में किसी भी तरह की लापरवाही लाखों लोगों की आजीविका के लिए सीधे तौर पर ख़तरा है। समय पर और निर्णायक कार्रवाई न केवल एक आर्थिक आवश्यकता है बल्कि एक नैतिक ज़िम्मेदारी भी है।
महा मुफ़्ती ने केंद्रीय परिवहन, रक्षा और कृषि मंत्रियों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और प्रोजेक्ट बीकन के मुख्य अभियंता से इस संकट का तत्काल संज्ञान लेने का आग्रह किया।
फल उत्पादकों के साथ एकजुटता की पुष्टि करते हुए महा मुफ़्ती के कार्यालय ने मुफ़्त सड़क मार्ग और विश्वसनीय रेल संपर्क सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कदम उठाने की अपील की ताकि कश्मीर की उपज देश भर के बाज़ारों तक समय पर पहुँच सके।
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
