
जींद, 2 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । नवरात्र के पावन पर्व के समापन पर नवमी के अवसर पर बुधवार रात को शहर के पौराणिक श्री जयंती देवी मंदिर सिद्धपीठ में भव्य कन्या पूजन का आयोजन किया गया। इस दौरान हवन, भंडारा, कीर्तन हुआ। जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। यह आयोजन देवी की कृपा और सामाजिक एकता का प्रतीक बन गया।
जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि श्री जयंती देवी मंदिर जो महाभारत काल से जुड़ा हुआ प्राचीन सिद्धपीठ है में पांडवों द्वारा स्थापित मानी जाने वाली देवी जयंती (विजय की देवी) की पूजा अर्चना के साथ ही कन्याओं को मां दुर्गा का रूप मान कर भोजन और दान किया गया। हवन कुंड में आहुतियां डालते हुए सभी ने विश्व शांति और समृद्धि की कामना की। कीर्तन में भक्तों ने भजनों के माध्यम से देवी की महिमा का गुणगान किया। कार्यक्रम में सोनीपत से सांसद सतपाल ब्रह्मचारी, ने विशेष रूप से शिरकत की।
उन्होंने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे धार्मिक कार्यक्रम समाज में एकता और भाईचारे को मजबूत करते हैं। भंडारे का आयोजन अमित बंसल के नेतृत्व में किया गया। जिसमें चंद्रानन्द महाराज ने आशीर्वाद प्रदान किया। चन्द्रानंद महाराज ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि नवरात्र का समापन न केवल धार्मिक बल्कि नैतिक उत्थान का प्रतीक है। अमित बंसल ने बताया कि यह भंडारा सभी वर्गों के लिए खुला था। जिसमें हजारों लोगों को प्रसाद वितरित किया गया। आयोजन में प्रमुख भूमिका निभाने वालों में संजय गोयल, कपिल गर्ग, दर्शन, राकेश सिंगला, धरमवीर पिंडारा और वजीर गंगोली का योगदान सराहनीय रहा। गौरतलब है कि श्री जयंती देवी मंदिर सिद्धपीठ है। जहां हर वर्ष नवरात्रि पर हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा
