Madhya Pradesh

ग्राम पंचायतों को मिलेगा सशक्तिकरण, पारदर्शिता व स्थायित्व : मंत्री पटेल

मनरेगा की उच्चस्तरीय बैठक

– ग्राम रोजगार सहायक मार्गदर्शिका-2025 हुई लागू

भोपाल, 24 जून (Udaipur Kiran) । पंचायत एवं ग्रामीण विकास के तत्वावधान में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की उच्चस्तरीय बैठक में ग्राम रोजगार सहायक मार्गदर्शिका-2025 को औपचारिक रूप से लागू करने की घोषणा की गई। इस ऐतिहासिक निर्णय में पंचायत, ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल की सशक्त नेतृत्व भूमिका रही। मंत्री पटेल ने मंगलवार को हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए इस नई मार्गदर्शिका को “स्थानीय रोजगार व्यवस्था में स्थायित्व, जवाबदेही और दक्षता का आधुनिक रूपांतरण” बताया।

पटेल ने कहा कि यह दस्तावेज ग्राम रोजगार सहायकों के चयन, मूल्यांकन और अनुशासन को लेकर आने वाले वर्षों की ग्रामीण विकास संरचना की रीढ़ सिद्ध होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि मार्गदर्शिका 2025 का तत्काल प्रभाव से क्रियान्वयन किया जाएगा, जिसके तहत सभी नियुक्तियां, मूल्यांकन, नवीनीकरण एवं अनुशासन की प्रक्रिया संचालित की जाएगी। चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करते हुए अब सभी नियुक्तियां लिखित परीक्षा के माध्यम से की जाएंगी, जिससे योग्य और स्थानीय युवा ग्रामीण विकास से सीधे जुड़ सकेंगे।

मंत्री पटेल ने कहा कि ग्राम रोजगार सहायक केवल संविदा कर्मी नहीं, बल्कि ग्रामीण नव निर्माण के मूल स्तंभ हैं। यह मार्गदर्शिका उन्हें न केवल दिशा देगी, बल्कि गरिमा, संरक्षण और प्रेरणा भी प्रदान करेगी। हमारा लक्ष्य है – ‘हर गाँव सक्षम, हर पंचायत सजग’।

नई मार्गदर्शिका में मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली की शुरुआत की जा रही है, जिसके माध्यम से GRS का मूल्यांकन, नवीनीकरण और समस्त डाटा डिजिटल रूप से प्रबंधित किया जाएगा। पहली बार ग्राम रोजगार सहायकों को सेवा सुरक्षा और अपील की न्यायसंगत प्रक्रिया सुनिश्चित की गई है। इसके साथ ही सेवा में अनुशासन, कर्तव्यनिष्ठा, नैतिकता और पारदर्शिता के लिए कठोर प्रावधान किए गए हैं।

मार्गदर्शिका के अंतर्गत अब ग्रामीण रोजगार सहायक का वार्षिक मूल्यांकन प्रत्येक वर्ष 01 अप्रैल से 15 मार्च के बीच किया जाएगा, जिसमें 60 अंकों से कम मिलने पर सेवा समाप्ति संभव होगी। अवकाश व्यवस्था को भी सुदृढ़ करते हुए 13 आकस्मिक, 3 ऐच्छिक और 15 विशेष अवकाश का प्रावधान किया गया है। पहली बार स्थानांतरण नीति लागू की गई है, जिसके तहत तीन वर्षों की सेवा के बाद स्थानांतरण अनुमति होगी। ग्राम रोजगार सहायकों के कर्तव्यों को भी स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है, जिसमें जॉब कार्ड निर्माण, मजदूरी भुगतान, कार्यों की जियो टैगिंग और शासन की योजनाओं के समन्वय तक की जिम्मेदारी शामिल है।

मंत्री पटेल के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में प्रबंधन सुधार के साथ समावेशी विकास का स्पष्ट रोडमैप तैयार किया जा रहा है। ग्राम रोजगार सहायक मार्गदर्शिका-2025 इस दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, जिससे प्रदेश की पंचायतें अधिक सशक्त, जवाबदेह और आत्मनिर्भर बनेंगी।

(Udaipur Kiran) तोमर

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