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जापान की प्रगति से सीख लेकर विकसित भारत के लिए कार्य करें: राज्यपाल

जापान की प्रगति से सीख लेकर विकसित भारत के लिए कार्य करें: राज्यपाल

जयपुर, 16 सितंबर (Udaipur Kiran) । राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि जापान में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान परमाणु बम गिराया गया। इसके बावजूद उसने अपने आपको संभाला ही नहीं बहुत तेजी से सभी क्षेत्रों में प्रगति की है। उन्होंने जापान की प्रगति से सीख लेते हुए युवाओं को राष्ट्र प्रगति के लिए कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने अंग्रेजों द्वारा देश को गुलाम बनाने, गुरुकुल विद्या पद्धति समाप्त कर मैकाले द्वारा अंग्रेजी शिक्षा पद्धति को लागू करने से हुए नुकसान की चर्चा करते हुए कहा कि देश की नई शिक्षा नीति राष्ट्र को विकास पथ पर आगे ले जाने वाली है। उन्होंने बांसवाड़ा की वीरांगना कालीबाई की चर्चा करते हुए कहा कि ऐसे गौरवमय चरित्रों से सीख लें। उन्होंने विद्यार्थियों को एकाग्रता और अभ्यास से अपने को निखारने पर जोर दिया। उन्होंने देश की नई शिक्षा नीति के आलोक में नवाचार अपनाते हुए युवाओं को विकसित भारत में भागीदारी किए जाने का आह्वान किया।

राज्यपाल बागडे मंगलवार को इंडिया-जापान इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ‘बायकॉन-2025’ में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बियानी कॉलेज में ग्लोबल लैंग्वेज लेब का भी शुभारंभ किया।

उन्होंने कहा कि युवा भारत की सबसे बड़ी ताकत है। यह शक्ति यदि उच्च शिक्षा से भारत को आगे बढ़ाने में लगे तो वैश्विक सहयोग से राष्ट्र विकास के लिए तेजी से कार्य होगा। उन्होंने कहा कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी ने भाषाओं को दुरूहता को समाप्त कर दिया है। ऐसे समय में वैश्विक भाषा की समझ से जुड़ी ग्लोबल लैंग्वेज लैब जापानी भाषा एवं अन्य विदेशी भाषाओं को सीखना आसान करेगी।

राज्यपाल ने मुंबई में तलपड़े बंधु द्वारा मानवरहित, हवा से भारी विमान का निर्माण करने और इसे मुंबई के चौपाटी बीच के ऊपर उड़ाने की चर्चा करते हुए कहा कि भारत में हुए इस आविष्कार का श्रेय राइट बंधुओं को मिला। उन्होंने कहा कि गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत भारत की देन है पर इसे न्यूटन का आविष्कार बताया जाता है। उन्होंने प्राचीन भारतीय ज्ञान से नई पीढ़ी को जोड़े जाने का आह्वान करते हुए कहा कि इसी से हम अपने स्व को जान सकेंगे। उन्होंने कहा कि विश्व की बड़ी से बड़ी कम्पनियों में अस्सी प्रतिशत से अधिक दक्ष भारतीय मूल के हैं।

उन्होंने शिक्षा और उद्योग के क्षेत्र में ज्ञान एवं अनुभव के आदान-प्रदान के अधिकाधिक प्रयास किए जाने का आह्वान किया है। उन्होंने जापान को अग्रणी देश बताया पर कहा कि वहाँ युवाओं का प्रतिनिधित्व कम है। भारत में अधिक युवा आबादी है। दोनों देशों के बीच शैक्षणिक, पेशेवर और सांस्कृतिक सहयोग से राष्ट्र तेजी से आगे बढ़ेगा।

उन्होंने देश में डिजिटल क्रांति, नीतिगत सुधारों और वैश्विक एकीकरण से शिक्षा और उद्योग क्षेत्र में विकास किए जाने की आवश्यकता जताई। राज्यपाल ने कहा कि देश में इस समय 1 हजार 362 विश्वविद्यालय है। देश में 2020 में 42 हजार 343 कॉलेज थी जो आज बढ़कर 52 हजार 538 हो गए है। उन्होंने कहा कि सरकारी के साथ साथ निजी कॉलेज उद्योगों के साथ समन्वय कर राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कार्य करे।

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(Udaipur Kiran)

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