Haryana

गुरुग्राम में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने किया भगवान जगन्नाथ यात्रा का शुभारंभ

गुरुग्राम में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा में पूजन करते राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय।
गुरुग्राम में शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा में रथ खींचते राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय।

-राज्यपाल बोले, ऐसे धार्मिक आयोजन समाज में अध्यात्म और एकता को देते हैं मजबूती

-गुरुग्राम के साईं का आंगन से निकली ऐतिहासिक रथ यात्रा, देश-विदेश से उमड़े श्रद्धालु

-केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम ने भी शिरकत की

गुरुग्राम, 27 जून (Udaipur Kiran) । हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने शुक्रवार को गुरुग्राम स्थित साईं का आंगन में आयोजित श्री जगन्नाथ रथ यात्रा-2025 का विधिवत शुभारंभ किया। उन्होंने भगवान श्री जगन्नाथ, बहन सुभद्रा एवं भाई बलभद्र के भव्य रथ की आरती कर यात्रा की शुरुआत की।

डॉ. चंद्रभानु सतपथी जी के मार्गदर्शन में यात्रा की शुरुआत दोपहर 3 बजे पाहंडी अनुष्ठान से हुई, जिसके पश्चात छेरा पहंरा की रस्म राज्यपाल द्वारा निभाई गई, जो भगवान के प्रति सेवा और विनम्रता का प्रतीक मानी जाती है।

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि श्री जगन्नाथ रथ यात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, यह हमारी सांस्कृतिक आत्मा है। ऐसे आयोजन समाज को जोड़ते हैं और अध्यात्म व मानवीय मूल्यों को बल देते हैं। मेरी प्रार्थना है कि भगवान श्री जगन्नाथ सभी को सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करें।

इस अवसर पर केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम ने भी शिरकत की। उन्होंने कहा कि यह रथ यात्रा भारतीय संस्कृति, आस्था और परंपरा का प्रतीक है। ऐसे आयोजन नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ते हैं और ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत करते हैं। उन्होंने आयोजकों को इस अनुशासित और भव्य आयोजन के लिए बधाई दी।

करीब 25 फीट ऊँचे रथ को हजारों श्रद्धालुओं ने भजन-कीर्तन करते हुए खींचा। अमेरिका, यूएई, ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों से आए श्रद्धालुओं ने भी भाग लेकर इसे अंतरराष्ट्रीय स्वरूप प्रदान किया। जय जगन्नाथ के नारों से पूरा वातावरण भक्तिरस में सराबोर रहा। पुरी से आए ओडिय़ा रसोइयों द्वारा तैयार महाप्रसाद को श्रद्धालुओं में वितरित किया गया। वहीं सांस्कृतिक मंच पर ओडि़शा के लोकनृत्य और पारंपरिक वाद्य यंत्रों की ध्वनि ने रथ यात्रा को भक्तिमय उत्सव में बदल दिया। यात्रा से पूर्व जगन्नाथ संस्कृति और पुरी की परंपराओं को लेकर विशेष जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें बच्चों और युवाओं ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। साईं का आंगन प्रबंधन समिति और सी.बी. सतपथी सांस्कृतिक फाउंडेशन ने सभी श्रद्धालुओं, अतिथियों, कलाकारों एवं स्वयंसेवकों का आभार व्यक्त किया। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक चेतना का पर्व रहा, बल्कि गुरुग्राम के सांस्कृतिक परिदृश्य में भी ऐतिहासिक बन गया।

(Udaipur Kiran)

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