Assam

विश्वकर्मा जयंती पर दिव्यांगों को ‘राज्यपाल असम विश्वकर्मा सम्मान’

विश्वकर्मा जयंती पर दिव्यांगों को ‘राज्यपाल असम विश्वकर्मा सम्मान’ की तस्वीर।

गुवाहाटी, 17 सितम्बर (Udaipur Kiran) । विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने आज छह दिव्यांगों को उनके विशिष्ट योगदान के लिए ‘राज्यपाल असम विश्वकर्मा सम्मान’ से सम्मानित किया। राजभवन के ब्रह्मपुत्र विंग में आयोजित इस समारोह को समाज में समावेशिता और सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना गया।

राज्यपाल ने सभी सम्मानित व्यक्तियों को बधाई देते हुए कहा कि हमें किसी की कमी पर नहीं बल्कि उनकी असाधारण क्षमताओं पर ध्यान देना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर उन्हें शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि इसी सोच ने ‘विकलांग’ शब्द को ‘दिव्यांगजन’ में बदलकर समाज की मानसिकता को सकारात्मक दिशा दी है।

सम्मान पाने वालों में ग्वालपाड़ा के दृष्टिबाधित संगीत शिक्षक मौलिक राभा (कला एवं संस्कृति), कार्बी आंगलोंग की निबेदिता घोष (साहित्य एवं शिक्षा), बजाली के धरनी कलिता (विज्ञान, इंजीनियरिंग, चिकित्सा एवं पर्यावरण), नगांव के राकेश बनिक (सामाजिक कार्य एवं जनसंपर्क), कामरूप मेट्रो के पैरा-एथलीट अभिषेक गोगोई (खेल) और जोरहाट की अकोनी बरुवा (व्यापार एवं उद्योग) शामिल हैं।

राज्यपाल ने इन सभी को समाज के “सच्चे विश्वकर्मा” बताते हुए कहा कि इनके जीवन से नवाचार, साहस और सेवा की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा के नेतृत्व में दिव्यांगजन कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं, विशेषकर ‘दीन दयाल दिव्यांग पुनर्वास योजना’ की भी सराहना की।

इस अवसर पर समाज कल्याण विभाग के सचिव पल्लव गोपाल झा, कॉम्पोजिट रीजनल सेंटर के निदेशक डॉ. प्रसन्न कुमार लेंका, दिव्यांगजन आयुक्त सुषमा हजारिका, राज्यपाल के ओएसडी प्रो. बेचन लाल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

यह समारोह मानवीय जिजीविषा और समावेशी भारत की उस परिकल्पना को समर्पित रहा, जिसमें किसी को पीछे नहीं छोड़ा जाता और हर हाथ को गरिमा दी जाती है।

(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश

Most Popular

To Top