Uttrakhand

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने दी हिमालय दिवस की शुभकामनाएं, बोले- पर्वतराज हिमालय अनमोल धरोहर है

उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह फाइल चित्र।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उच्चस्तरीय बैठक लेते।

– जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से हिमालय को सुरक्षित रखना हम सबका दायित्व: मुख्यमंत्री

देहरादून, 8 सितंबर (Udaipur Kiran) । राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) और मुख्यमंंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को हिमालय दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पर्वतराज हिमालय हमारी अनमोल धरोहर है। यह न केवल प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता से भरपूर है, बल्कि हमारे आध्यात्मिक,सांस्कृतिक और भौगोलिक गौरव का भी प्रतीक है।

राज्यपाल ने जारी अपने संदेश में कहा कि प्रदेश और देशवासियों से आह्वान किया कि हिमालय दिवस पर हम सब यह संकल्प लें कि आने वाली पीढ़ियों के लिए इस पर्वत की सुंदरता, जैव विविधता और पर्यावरण को सुरक्षित रखेंगे।

उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, वनों की कटाई, ग्लेशियरों का पिघलना और प्रदूषण जैसी चुनौतियां हिमालय की पारिस्थितिकी के लिए गंभीर खतरा हैं। हमें जल, जंगल और जमीन के संरक्षण के साथ-साथ हिमालयी नदियों को स्वच्छ बनाए रखने, वृक्षारोपण को बढ़ावा देने और स्थानीय समुदायों को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ने की दिशा में ठोस प्रयास करने होंगे।

मुख्यमंत्री ने हिमालय के संरक्षण के लिए सामुहिक प्रयासों की जरूरत बताते हुए कहा कि हिमालय हमारी पहचान, संस्कृति और जीवन रेखा है। हिमालय न केवल भारत बल्कि विश्व की बहुत बड़ी आबादी को प्रभावित करता है। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से हिमालय को सुरक्षित रखना हम सबका दायित्व है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालयी क्षेत्रों में सामाजिक विकास की आवश्यकता के दृष्टिगत हमें इकॉलोजी एवं इकोनॉमी में समन्वय के साथ कार्य करना होगा। भावी पीढ़ियों के लिये हिमालय की सुंदरता और जैव विविधता को संरक्षित रखना हम सबका दायित्व है। हिमालय हमारे जीवन से जुडा विषय होने के नाते इसके संरक्षण का दायित्व भी हम सभी का है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण उत्तराखंडवासियों के स्वभाव में है,हरेला जैसे पर्व,प्रकृति से जुड़ने की हमारे पूर्वजों की दूरगामी सोच का परिणाम है। मुख्यमंत्री ने पर्यावरण में हो रहे बदलावों,ग्लोबल वार्मिंग के साथ ही जल,जंगल,जमीन से जुड़े विषयों पर समेकित चिंतन की जरूरत बताते हुए कहा कि सामाजिक चेतना और सामूहिक प्रयासों से ही हम इस समस्या के समाधान में सहयोगी बन सकते हैं।—————–

(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

Most Popular

To Top