Uttar Pradesh

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय का किया निरीक्षण

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— शास्त्रार्थ परम्परा को बताया शास्त्रों के संरक्षण का माध्यम

वाराणसी,11 सितम्बर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने गुरुवार को वाराणसी स्थित सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय का औचक निरीक्षण किया। अपने दौरे के दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर के विविध शैक्षणिक व सांस्कृतिक केन्द्रों का भ्रमण किया और शास्त्रों के संरक्षण में विश्वविद्यालय की भूमिका की सराहना की।

राज्यपाल ने पाणिनि भवन सभागार, परीक्षा भवन, ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केन्द्र, पांडुलिपि संरक्षण केन्द्र, प्रकाशन संस्थान, विक्रय विभाग, पुरातत्व संग्रहालय और केन्द्रीय कार्यालय सहित विभिन्न विभागों का निरीक्षण किया। पाणिनि भवन में व्याकरण की कक्षा में पहुंचकर उन्होंने विद्यार्थियों और आचार्य के साथ लघुशब्देन्दुशेखर ग्रन्थ पर राम शब्द की व्याख्या पर गूढ़ चर्चा की। इस दौरान उन्होंने संस्कृत और हिन्दी—दोनों भाषाओं में अपने विचार व्यक्त किए।

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में चल रही शास्त्रार्थ परम्परा की विशेष रूप से प्रशंसा करते हुए कहा कि शास्त्रार्थ न केवल ज्ञान-विनिमय की परंपरा है, बल्कि यह शास्त्रों के संरक्षण और संवर्धन का प्रभावी माध्यम भी है। इससे शास्त्रों की गहराई और व्यापकता को समझने का अवसर मिलता है। ऐसी परम्परा का प्रचार-प्रसार अधिक से अधिक होना चाहिए।

—ज्योतिष विभाग में गहरी रुचि

निरीक्षण के दौरान राज्यपाल ने ज्योतिष विभाग का भी दौरा किया। वहां उन्होंने दरी पर पारंपरिक रूप से बैठे विद्यार्थियों को देखकर प्रसन्नता जताई और लघु पाराशरी ग्रंथ पढ़ रहे छात्रों से संवाद भी किया। विभागाध्यक्ष प्रो. अमित कुमार शुक्ल ने उन्हें याम्योत्तर, एस्ट्रोलैब सहित 18 विभिन्न ज्योतिष यंत्रों की जानकारी दी। राज्यपाल ने सभी यंत्रों पर संस्कृत नामों के अंकन और यंत्रों की एक स्थायी प्रदर्शनी लगाने के निर्देश दिए।

—पांडुलिपियों और संग्रहालय का सूक्ष्म अवलोकन

राज्यपाल ने सरस्वती भवन स्थित पांडुलिपि संरक्षण केन्द्र में राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन के अंतर्गत संरक्षित दुर्लभ ग्रंथों के संरक्षण कार्यों का अवलोकन किया। उन्होंने संरक्षित ज्ञान की महत्ता पर चर्चा की। इसके अतिरिक्त, उन्होंने विश्वविद्यालय के पुरातत्व संग्रहालय की मुद्रा वीथिका, प्रस्तर वीथिका और लघुचित्र वीथिका का भी भ्रमण किया। उन्होंने भारत में मुद्राओं के क्रमिक विकास की जानकारी प्राप्त की और संग्रहालयाध्यक्ष से संवाद किया।

—स्वच्छता और प्रशासन व्यवस्था की सराहना

विश्वविद्यालय में प्रवेश के समय राज्यपाल का कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा और कुलसचिव राकेश कुमार ने पारंपरिक स्वागत किया। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परिसर की स्वच्छता, शैक्षणिक वातावरण और कार्यालय व्यवस्था पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि “ऐसे संस्थानों को देश की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण का केंद्र बनाना चाहिए।” उन्होंने कुलपति कार्यालय का भ्रमण कर वहां की व्यवस्था की भी सराहना की।

राज्यपाल ने परिसर में स्थित वट वृक्ष की आयु जानने की इच्छा प्रकट की और सुझाव दिया कि वृक्षों की जानकारी सम्बन्धित पट्टिका के माध्यम से दी जानी चाहिए।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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