HimachalPradesh

उद्योगों को दी गई रियायतों पर हिमाचल विधानसभा में हंगामा, नई औद्योगिक नीति लाएगी सरकार

सदन में सीएम सुक्खू

शिमला, 26 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शिमला में चल रहे मॉनसून सत्र में मंगलवार को उद्योगों को पूर्व भाजपा सरकार द्वारा दी गई कथित रियायतों का मुद्दा गर्मा गया। प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और विपक्षी भाजपा के बीच तीखी नोकझोंक हुई। स्थिति इतनी बढ़ गई कि विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट कर दिया।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने आरोप लगाया कि पिछली भाजपा सरकार ने बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र में कुछ उद्योगों को सभी नियमों को दरकिनार करके जमीन और अन्य सुविधाएं दीं। उन्होंने कहा कि हजारों बीघा जमीन एक रुपए प्रति वर्गमीटर की दर से आवंटित की गई। यही नहीं इन उद्योगों को 10 साल तक तीन रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली देने का करार किया गया, जबकि प्रदेश सरकार खुद छह रुपए प्रति यूनिट पर बिजली खरीदती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कंपनियों को कस्टमाइज पैकेज के नाम पर स्टांप ड्यूटी में सौ प्रतिशत छूट भी दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पैकेज जनता के पैसों को लुटाने का काम था। उन्होंने ऐलान किया कि सरकार इस पूरे मामले की जांच करेगी और प्रदेश की संपदा लूटने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इन रियायतों पर पुनर्विचार होगा और जल्द ही 2019 की औद्योगिक नीति को खत्म कर नई औद्योगिक नीति लाई जाएगी।

इससे पहले विधायक बिक्रम ठाकुर के सवाल का जवाब देते हुए उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि पिछले पौने तीन साल में प्रदेश में 2853 करोड़ रुपए का औद्योगिक निवेश हुआ है। इस दौरान 6210 एमओयू साइन हुए और सिंगल विंडो क्लीयरेंस से 380 उद्योगों को मंजूरी मिली, जिनमें 5891 करोड़ का निवेश होना है। कुल मिलाकर प्रदेश में 20655 करोड़ रुपए का निवेश आया है।

पौने 3 साल में 115 उद्योग हुए बंद, 3350 लोग हुए बेरोजगार

उन्होंने बताया कि इसी अवधि में 115 उद्योग बंद हुए, जिससे 3350 लोग बेरोजगार हो गए। इनमें से 55 उद्योगों ने दोबारा काम शुरू कर दिया है, जिनमें 512 करोड़ का निवेश और 3918 लोगों को रोजगार मिला है। मंत्री ने कहा कि नई औद्योगिक नीति में और आकर्षक प्रावधान होंगे और विधायकों की राय भी ली जाएगी। साथ ही सरकार ने उद्योगों के लिए बिजली दरों को पड़ोसी राज्यों के बराबर करने का प्रयास किया है ताकि अधिक निवेश आकर्षित किया जा सके।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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