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नेपाल में जेन जी आंदोलन के दौरान लूटे गए सरकारी हथियारों की नहीं हुई बरामदगी

पुलिस से लूटे गए हथियारों का प्रदर्शन करते प्रदर्शनकारी

– देश भर की जेलों से भागे लगभग 8,000 कैदी या बंदी अभी भी फरार

काठमांडू, 24 सितंबर (Udaipur Kiran News) । नेपाल में जेन-जी के विरोध-प्रदर्शनों के दौरान लूटे गए हथियारों, गोला-बारूद और संचार उपकरणों का पूरा हिसाब अभी तक इकट्ठा नहीं किया जा सका है। देश भर के पुलिस थानों से चोरी हुए लगभग 3,000 हथियारों में से अब तक केवल 200 ही वापस किए जा सके हैं। आंदोलन के दौरान देश भर की जेलों से भागे लगभग 8,000 कैदी या बंदी अभी भी फरार हैं।

नेपाल में युवाओं के आंदोलन के दौरान न केवल पुलिस थानों से एसएलआर, इंसास राइफल और पिस्तौल जैसे अत्याधुनिक हथियार लूटे गए, बल्कि हत्या, अपहरण और डकैती जैसे गंभीर अपराधों के लिए सजा काट रहे हजारों कैदी भी जेलों से भाग गए। चोरी हुए हथियारों, गोला-बारूद और संचार उपकरणों का पूरा हिसाब अभी तक इकट्ठा नहीं किया जा सका है। पुलिस मुख्यालय के अनुसार देश भर के पुलिस थानों से चोरी हुए लगभग 3,000 हथियारों में से अब तक केवल 200 ही वापस किए जा सके हैं।

अकेले काठमांडू में पुलिस कार्यालयों से एसएलआर, इंसास, थ्री-एन-थ्री और बेरेटा पिस्तौल सहित हज़ारों राउंड गोला-बारूद लूट लिया गया। देश भर से लूटे गए 10 हजार से ज़्यादा कारतूसों में से सिर्फ़ लगभग 3,000 कारतूस ही बरामद किए जा सके हैं। इससे पता चलता है कि लगभग 7,000 कारतूस अभी भी अपराधियों और समाज में अराजकता फैलाने वाले समूहों के हाथों में हैं। पुलिस को अभी भी नहीं पता कि 2,800 अत्याधुनिक हथियार कहां हैं।

जेल प्रशासन के मुताबिक देश भर से लगभग 8,000 कैदी या बंदी फरार हैं, जिनमें 2,400 सेंट्रल जेल से और 700 नक्खू जेल से फरार हुए कैदी शामिल हैं। फरार कैदियों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे गंभीर अपराधी भी शामिल हैं। इससे जांच के लिए नियुक्त पुलिस अधिकारियों के लिए एक गंभीर सुरक्षा संकट पैदा हो गया है। कई पुलिस अधिकारियों को इस डर से भूमिगत होने के लिए मजबूर होना पड़ा है कि जिन अपराधियों की उन्होंने जांच की है और जिन्हें जेल भेजा है, वे हथियार लेकर उन्हें निशाना बना सकते हैं।

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(Udaipur Kiran) / पंकज दास

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