
रांची, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । आजसू छात्र संघ ने कहा कि झारखंड राज्य में इंजीनियरिंग (एमटेक, बीटेक,डिप्लोमा) और मेडिकल में नामांकन की प्रक्रिया में राज्य की आरक्षण नियमावली की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। इससे झारखंड के मूलवासी, आदिवासी, दलित, पिछड़े और शोषित वर्गों के अधिकारों पर सीधा हमला हो रहा है। संघ के प्रदेश महासचिव विशाल महतो ने गुरुवार को पार्टी के हरमू स्थित कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि बीटेक और डिप्लोमा इंजीनियरिंग में 60 और 50 की नीति, आरक्षण पर सीधा कुठाराघात है। राज्य में बीटेक और डिप्लोमा में नामांकन के लिए 40 प्रतिशत ओपन सीटों को बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है, जो आरक्षण नीति के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि
यदि राज्य सरकार इन त्रुटियों में सुधार नहीं करती है आजसू पूरे छात्र संघ पूर राज्य में चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेगा।
झारखंड के छात्रों के लिए अवसरों की कटौती
उन्होंने बताया कि बीटेक के लिए राज्य में चार सरकारी और 10 निजी कॉलेज हैं, जिसमें कुल सीटें 5266 हैं। वहीं डिप्लोमा के लिए 17 सरकारी और 20 निजी कॉलेजों में सीटों की संख्या 10 हजार 552 है। यह नीति झारखंड के छात्रों के लिए अवसरों की कटौती और बाहरी छात्रों को लाभ पहुंचाने का द्वार है। उन्होंने कहा कि राज्ये में मेडिकल नामांकन में आरक्षण की छलावा नीति लागू है, जहां 85 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी सीटों के अनुसार 15 प्रतिशत अखिल भारतीय कोटा को घटाकर जो 85 प्रतिशत सीटें बचती हैं, केवल उन्हीं पर आरक्षण लागू किया जा रहा है।
यह आरक्षित वर्गों के संवैधानिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है।
आजसू छात्र संघ की मांगें
आजसू छात्र संघ की मांगों में बीटेक, डिप्लोमा में 50 प्रतिशत ओपन सीट नीति को अविलंब रद्द हो, मेडिकल नामांकन में सभी सीटों पर आरक्षण रोस्टर लागू कर राज्य कोटा बनाया जाए उसके बाद 15 प्रतिशत ओपन करके अखिल भारतीय कोटा किया जाए, राज्य के मूलवासी, आदिवासी, दलित-पिछड़े वर्ग के अधिकारों की संविधान के अनुरूप रक्षा हो।
मौके पर प्रदेश अध्यक्ष ओम वर्मा, प्रदेश महासचिव विशाल महतो, कार्यकारी अध्यक्ष बबलू महतो, वरीय उपाध्यक्ष ऋतुराज शाहदेव और प्रशांत महतो उपस्थित थे।
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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak
