Haryana

सिरसा: प्रदेश में सेमग्रस्त 5.27 लाख एकड़ भूमि का बचाने के लिए उचित कदम उठाए सरकार: सैलजा

कुमारी सैलजा।

सिरसा, 23 सितंबर (Udaipur Kiran News) । सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि प्रदेश के 13 जिलों में सेम समस्या के चलते 721 गांवों की 5.27 लाख एकड़ भूमि बंजर हो रही, यह समस्या जलनिकासी का उचित प्रबंध न किए जाने के चलते पैदा हो रही है। सेम के कारण कुछ जिलों में जमींदार किसान दूसरे किसानों के खेतों में मजदूरी करने को विवश हो रहे हैं।

सांसद सैलजा ने मंगलवार को जारी प्रेस बयान में कहा है कि प्रदेश में सेम की समस्या वर्ष 1970 में सामने आई। सेम के साथ साथ भूमि में लवणता बढ़ती चली गई और खेती बंजर होने से किसानों के हाथों से निकल गई। उस भूमि पर किसान कुछ भी नहीं कर सकता। हालात ये है कि जो किसान कभी अच्छा जमींदार हुआ करता था वह दूसरे के खेतों में मजदूरी करने को बाध्य हो गया और कुछ किसान दूसरे किसानों की भूमि हिस्से पर लेकर खेती करने लगे। वर्ष 1995 में आई बाढ़ ने हालात और विकट कर दिए और सेमग्रस्त भूमि का क्षेत्रफल बढ़ गया। अगर समय पर सरकार की ओर से सेमग्रस्त प्रभावित क्षेत्र में जलनिकासी का उचित प्रबंध किया गया होता तो आज अधिकतर भूमि का बचा लिया गया होता। आज प्रदेश में रोहतक, झज्जर, सोनीपत, भिवानी, हिसार, जींद, चरखी दादरी, फतेहाबाद, नूंह, सिरसा, पलवल, फरीदाबाद में लाखों एकड़ भूमि सेम की चपेट में आ गई। उन्होंने कहा कि हिसार, फतेहाबाद और सिरसा की सेमग्रस्त भूमि को बचाने के लिए हिसार-घग्घर ड्रेन का निर्माण किया गया, जो आज किसानों की गले की फांस बना हुआ है। इसमें आने वाली बाढ़ से खेती पूरी तरह से तबाह हो जाती हैै क्योंकि इस ड्रेन को घग्घर नदी से जोड़ा जाना था पर ऐसा किया ही नहीं गया जिसका खामियाजा आज भी किसानों को भुगतना पड़ रहा है।

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(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma

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