Haryana

हिसार : अवैध कॉलोनियों के बारे में ठोस नीति बनाए सरकार : दलबीर किरमारा

आम आदमी पार्टी नेता दलबीर किरमारा।

कॉलोनी काटने व प्लाट बिकने तक अधिकारी रहते चुप, बाद में तोड़ देते आशियाना

आशियाना मुहैया करवाने के लिए सेक्टरों की तर्ज पर सरकारी कॉलोनी काटे सरकार

हिसार, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) । आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व जिला अध्यक्ष

दलबीर किरमारा ने राज्य सरकार एवं प्रशासन से मांग की है कि अवैध कॉलोनियों बारे कोई

स्पष्ट नीति बनाई जाए। उनका कहना है कि वर्तमान में इस संबंध में दोगली नीति चल रही

है, जिसका खामियाजा आम गरीब जनता को भुगतना पड़ रहा है और प्रभावशाली लोग व कॉलोनाइजर

वारे न्यारे कर रहे हैं।

दलबीर किरमारा ने गुरुवार काे कहा कि अवैध कॉलोनियों को तोड़ने व लोगों को बेघर करने से

पहले यह स्पष्ट तौर पर पता लगाया जाना चाहिए कि कॉलोनी किसकी है और यह अवैध है तो पनपी

कैसे। वास्तविकता यह है कि कोई प्रभावशाली व्यक्ति या नेता कॉलोनी काटता है और अपने

कुछ लोगों की मार्फत वहां के प्लॉट उंचे दाम पर बेचता है। जब तक उस कॉलोनी के सारे

या आधे से ज्यादा प्लॉट नहीं बिकते, तब तक तो ये पता भी नहीं लगने दिया जाता कि कॉलोनी

काटी किसने है, मालिक कौन है और सोसायटी किसकी है। जैसे ही आधे से ज्यादा प्लॉट बिके

तो मालिक लाखों, करोड़ों कमाकर रफूचक्कर हो जाता है और फिर शुरू होती है प्रशासन की

कार्रवाई जिसके तहत कहा जाता है कि ये कॉलोनी अवैध है, और किसी ने मकान बना लिए हैं

तो वे तोड़े जाएंगे।

दलबीर किरमारा ने कहा कि फिलहाल डीटीपी विभाग की ओर से अवैध कॉलोनियों को तोड़ने

का काम विभिन्न क्षेत्रों में चल रहा है लेकिन इसका खामियाजा जरूरतमंद गरीब जनता को

भुगतना पड़ रहा है। यदि सरकार व प्रशासन निष्पक्ष कार्रवाई करना चाहते हैं तो किसी

के मकान या दुकान तोड़ने से पहले उन कॉलोनाइजरों को पकड़ा जाए, जिन्होंने ये अवैध कॉलोनी

काटी है। उन्होंने कहा कि मकान बनाने में कोई गरीब व मध्यम वर्ग का नागरिक

अपनी जीवन भर की पूंजी लगा देता है और डीटीपी की टीम जाकर उसे पलभर में तहस-नहस कर

देती है, जो अनुचित है। यदि सरकार चाहती है अवैध कॉलोनियां न पनपे तो उसे चाहिए कि

वह सेक्टरों की तर्ज पर सरकारी कॉलोनियां भी काटे, जहां वाजिब दरों पर गरीब व आम नागरिक

प्लॉट लेकर अपना आशियाना बना सके। बिना किसी ठोस व निष्पक्ष नीति के किसी गरीब का आशियाना

मिटाना न्यायसंगत नहीं है।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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