
सिरसा, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने सोमवार को सिरसा जिला के ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा कर किसानों की समस्याएं सुनी। सांसद ने कहा कि मुआवजे के नाम पर प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों के साथ मजाक कर रही है, स्वयं किसान हितेषी होने का दावा करने वाली भाजपा सरकार को पता होना चाहिए कि फसलों का लागत मूल्य क्या होता है और किसान को किस परेशानी से गुजरना होता है। सरकार को नरमा और कपास पर कम से कम 60-75 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देना चाहिए, 15 हजार रुपये प्रति एकड़ की घोषणा कर सरकार किसानों के जख्मों पर नमक छिडक़ रही है।
इस मौके पर सांसद सैलजा ने कहा कि इस क्षेत्र में नरमा-कपास और धान की सबसे ज्यादा फसल होती है, नरमा कपास फसलों पर लागत खर्च 75 हजार से 90 हजार रुपये तक आता है ऐसे में कम से कम 60 से 75 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाना चाहिए। सरकार धान उत्पादक किसानों के साथ मजाक कर रही है, उन्हें मुआवजा मिलेगा भी या नहीं सरकार पर निर्भर है, सरकार के इस रुख से 12 जिलों के धान उत्पादक किसान परेशान है। सांसद ने कहा कि बाढ़ से पीडि़त किसानों के साथ सरकार को पोर्टल पोर्टल नहीं खेलना चाहिए क्या संकट की इस घड़ी में किसानों ही हर संभव मदद की जानी चाहिए, सरकार को नुकसान का फिजिकल वेरिफिकेशन कराना चाहिए। सांसद ने कहा कि प्रदेश में किसानों को सही समय पर मुआवजा नहीं मिलता, गेहूं की बिजाई को देखते हुए किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा देना चाहिए।
सांसद कुमारी सैलजा गांव गुडियाखेड़ा पहुंचकर घग्गर ड्रेन के टूटने से खेतों में हुए जलभराव का निरीक्षण किया। खेत तालाब में तब्दील हो गए हैं और तैयार खड़ी फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं। किसानों को गहरा आर्थिक नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई आसान नहीं है। यह स्थिति भाजपा सरकार की लापरवाही और कुप्रबंधन को उजागर करती है। यदि समय रहते ड्रेन की मरम्मत व मजबूती का कार्य किया जाता, तो किसानों को इस नुकसान से बचाया जा सकता था। आज तक न तो राहत कार्य तेज़ी से शुरू हुए हैं और न ही मुआवजे की कोई ठोस व्यवस्था की गई है। किसानों की मेहनत पर आए इस संकट की ज़िम्मेदारी सरकार को लेनी चाहिए और तुरंत मुआवजा व पानी निकासी का समाधान सुनिश्चित करना चाहिए। कुमारी सैलजा ने सोमवार को लुदेसर, मानक दीवान, दडबा कलां, शाहपुरिया, शक्कर मंदोरी, निरवाण आदि गांवों का दौरा कर खेतों में हुए जलभराव का निरीक्षण किया और लोगों से बातचीत की।
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(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma
