
श्रीनगर, 29 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर सरकार ने बुधवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में अचानक आने वाली बाढ़ को रोकने और कम करने के लिए कई संरचनात्मक और गैर-संरचनात्मक उपाय किए जा रहे हैं जिनमें बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, पूर्व चेतावनी प्रणाली और जलमार्गों पर अतिक्रमण हटाना शामिल है।
विधायक डॉ. नरिंदर सिंह रैना के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जल शक्ति विभाग ने कहा कि अचानक आने वाली बाढ़ आमतौर पर भारी बारिश और बादल फटने के कारण होती है, और इसकी रोकथाम संभव नहीं है लेकिन कैपेक्स और नाबार्ड जैसी विभिन्न योजनाओं के तहत नियमित रूप से रोकथाम के कदम उठाए जा रहे हैं।
विभाग ने कहा कि झेलम नदी और उसकी सहायक नदियों के प्रमुख स्थानों पर 22 स्वचालित जल स्तर सेंसर लगाए गए हैं जिनका वास्तविक समय का डेटा कश्मीर फ्लड वॉच वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से उपलब्ध है।
इसमें आगे कहा गया है कि जम्मू प्रांत में संवेदनशील स्थानों पर तटबंधों, गैबियन क्रेटों और स्पर के निर्माण सहित बाढ़ सुरक्षा कार्य किए जा रहे हैं। झेलम तवी बाढ़ पुनर्प्राप्ति परियोजना (जेटीएफआरपी)/ईआरए भी तवी नदी के लिए बाढ़ शमन और नदी प्रबंधन पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रही है।
अतिक्रमण हटाने के संबंध में विभाग ने कहा कि वह नालों और अन्य जलमार्गों पर अवैध निर्माणों पर ष्नियमित निगरानी रखता है और जम्मू-कश्मीर जल संसाधन (विनियमन और प्रबंधन) अधिनियम, 2010 के तहत राजस्व विभाग और जिला प्रशासन के समन्वय से अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाए जा रहे हैं।
(Udaipur Kiran) / सुमन लता