नाहन, 19 जून (Udaipur Kiran) । सिरमौर जिले में एचआरटीसी की दो दर्जन के करीब बस सेवाएं बंद करने के सरकार के फैसले के खिलाफ मजदूर संगठन सीटू ने कड़ा विरोध जताया है। सीटू जिला महासचिव आशीष कुमार ने इसे सुक्खू सरकार का जनविरोधी कदम करार देते हुए कहा कि यह निर्णय आम जनता के लिए पीड़ा बढ़ाने वाला है और इससे केवल निजी बस ऑपरेटरों को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
आशीष कुमार ने कहा कि इससे पहले नाहन-टोंडा रूट को भी बंद किया गया था, जो एक गलत और दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय था। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार घाटे का बहाना बनाकर कल्याणकारी सेवाओं को बंद कर रही है, जबकि सरकारी काम का उद्देश्य लाभ कमाना नहीं, बल्कि जनता की सेवा करना होना चाहिए।
उन्होंने तीखा सवाल उठाते हुए कहा कि अगर घाटे का तर्क ही सब कुछ है, तो लाखों के वेतन और भत्ते लेने वाले विधायक और मंत्री सरकार को क्या मुनाफा दे रहे हैं? आशीष ने सुझाव दिया कि जनकल्याण के लिए सरकार को अपने खर्चों में कटौती करनी चाहिए न कि जनता पर बोझ डालना चाहिए।
सीटू नेता ने चेतावनी दी कि यह केवल बस सेवाओं को बंद करने का मामला नहीं है, बल्कि इसके दूरगामी परिणाम होंगे—सरकारी रोजगार खत्म होंगे, परिवहन की सुलभता घटेगी और ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन कठिन हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में सरकारी परिवहन ही लोगों का एकमात्र सहारा है और इसे कमजोर करना एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा लगता है।
उन्होंने कहा कि पहले बस किराए बढ़ाए गए और अब रूट बंद कर निजी ऑपरेटरों को मौका दिया जा रहा है, जो साफ तौर पर आम जनता के हितों के खिलाफ है। आशीष कुमार ने सरकार से मांग की है कि वह इस फैसले पर तुरंत पुनर्विचार करे और जनहित में एचआरटीसी की सेवाएं बहाल करे।
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(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर
