HimachalPradesh

सलाहकारों की फौज बनाकर सरकार ने बढ़ाया आर्थिक बोझ : राजिंदर राणा

राजेंद्र राणा

शिमला, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक राजिंदर राणा ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की सरकार ने “व्यवस्था परिवर्तन” के नाम पर सत्ता में आने के बाद कैबिनेट रैंक वाले सलाहकारों की फौज खड़ी करके प्रदेश पर करोड़ों का आर्थिक बोझ डाल दिया है। उन्होंने कहा कि यह वही सरकार है जो खुद को व्यवस्था परिवर्तन की सरकार बताती थी, लेकिन अब व्यवस्था सुधारने की बजाय मित्र मंडली को लाभ पहुंचाने में जुटी है।

राजिंदर राणा ने सोमवार को एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री के सलाहकारों को प्रदेश में बढ़ती अराजकता, भ्रष्टाचार, अव्यवस्था और विकास कार्यों में गिरावट जैसे मुद्दों की कोई चिंता नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि ये सलाहकार विकास की दिशा में काम करने की बजाय विपक्ष को यह सलाह दे रहे हैं कि वह प्रदेश के हितों से जुड़े मुद्दे न उठाए। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या प्रदेश के संसाधनों को मित्र मंडली के हवाले कर देना ही इस सरकार के लिए विकास का नया पैमाना है?

भाजपा नेता ने कहा कि जब विपक्ष आपदा प्रभावितों को केंद्र से मिले 5500 करोड़ रुपये की राहत राशि देने की मांग करता है, सर्दी में बेघर हुए लोगों की चिंता जताता है, युवाओं के लिए रोजगार और कर्मचारियों के वेतन-डीए की मांग करता है, तब सरकार के सलाहकार इसे छोटा मुद्दा बताते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की बीमार स्वास्थ्य व्यवस्था, अस्पतालों में घटिया सुविधाओं, हिमकेयर, आयुष्मान, शगुन, सहारा और वृद्धा पेंशन योजनाओं को लेकर भाजपा आवाज उठाती है, तो इसे भी हल्का मुद्दा कहा जाता है।

राणा ने तीखा सवाल किया कि क्या नगर निगम, नगर निकाय और पंचायत चुनाव रोककर संविधान की धज्जियां उड़ाना छोटा मुद्दा है? क्या नशाखोरी, माफिया राज और अपराधों को सत्ता संरक्षण देना छोटी बात है? उन्होंने कहा कि भाजपा आम जनता की आवाज उठाती रहेगी, क्योंकि जनता की पीड़ा और अधिकारों के लिए लड़ना भाजपा का धर्म है।

राजिंदर राणा ने कहा कि सत्ता में बैठे कैबिनेट रैंक के सलाहकारों को अपनी और सरकार की नीयत साफ रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जिन गारंटियों के भरोसे जनता का जनादेश हासिल किया था, अब उन्हें पूरा करने का समय आ गया है। सरकार को विपक्ष पर उंगली उठाने के बजाय जनता से किए वादों को निभाने पर ध्यान देना चाहिए।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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