HimachalPradesh

हिमाचल निकाय चुनाव में आरक्षण रोस्टर टालने के आदेश वापस ले सरकार : चुनाव आयोग

शिमला, 10 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में नगर निकाय चुनावों में आरक्षण रोस्टर को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। शहरी विकास विभाग ने प्रदेश के सभी उपायुक्तों को चिट्ठी भेजकर कहा था कि जब तक नई जनगणना के आंकड़े नहीं आते, तब तक आरक्षण रोस्टर लागू न किया जाए। विभाग ने कहा कि अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के मतदाताओं के ताजा आंकड़े नहीं हैं, इसलिए कुछ समय के लिए आरक्षण की प्रक्रिया रोक दी जाए।

इस पर राज्य निर्वाचन आयोग ने कड़ी आपत्ति जताई है। आयोग के सचिव सुरजीत सिंह राठौर ने मुख्य सचिव को भेजे पत्र में कहा कि शहरी विकास विभाग को ऐसा आदेश देने का कोई हक नहीं है। आयोग ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 243P और हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1994 के मुताबिक, अंतिम प्रकाशित जनगणना यानी 2011 की जनगणना के आंकड़े ही मान्य होंगे। इन्हीं के आधार पर सीटों का आरक्षण तय होना चाहिए।

आयोग ने साफ कहा कि चुनाव में वार्डों के निर्धारण और सीटों के आरक्षण की जिम्मेदारी सिर्फ चुनाव आयोग की है। विभाग का आदेश तुरंत वापस लिया जाए और इसकी जानकारी आयोग को दी जाए। आयोग ने कहा कि नई जनगणना में देरी के कारण 2011 के आंकड़े ही सही और कानूनी हैं।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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