
रांची, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । नगर विकास और आवास विभाग की ओर से प्रस्तावित झारखंड इलेक्ट्रिसिटी कंजम्प्शन सरचार्ज रूल्स 2025 से होनेवाली संभावित कठिनाइयों को लेकर गुरुवार को झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स, जेसिया और लघु उद्योग भारती की एक संयुक्त बैठक जेसिया कार्यालय में हुई।
बैठक कहा गया कि प्रस्तावित ड्राफ्ट के नियम से उपभोक्ताओं पर सीधा आर्थिक भार पड़ेगा और राज्य में औद्योगिक वातावरण अस्थिर होगा। प्रस्तावित पांच प्रतिशत बिजली सरचार्ज सभी शहरी बिजली उपभोक्ताओं पर समान रूप से लागू होगा, चाहे खपत की मात्रा, उपयोग का उद्देश्य या आर्थिक गतिविधि की प्रकृति कुछ भी हो। इससे एमएसएमई इकाइयों की उत्पादन लागत बढ़ेगी।
अस्पताल और स्कूल भी होंगे प्रभावित
बैठक में कहा गया सरचार्ज से अस्पताल और स्कूल सहित अन्य आवश्यक सेवाओं का व्यय भी प्रभावित होगा। बिजली सरचार्ज निम्न और मध्यम आयवर्ग के उपभोक्ताओं के लिए अतिरिक्त आर्थिक बोझ बनेगा।
झारखण्ड चेंबर के अध्यक्ष परेश गट्टानी ने कहा कि पांच प्रतिशत बिजली सरचार्ज से न केवल व्यापार महंगा होगा, बल्कि यह झारखंड में निवेश को भी प्रभावित करेगा। सरकार को इस प्रस्ताव को वापस लेना चाहिए।
वहीं जेसिया के अध्यक्ष अंजय पचेरीवाल ने कहा कि झारखंड की औद्योगिक इकाइयां पहले से ही लॉजिस्टिक और लागत संबंधी चुनौतियों से जूझ रही हैं। इस सरचार्ज से प्रतिस्पर्धा की क्षमता और घटेगी।
एमएसएमई सेक्टर के लिए यह झटके जैसा : विनोद
लघु उद्योग भारती के प्रांतीय अध्यक्ष विजय मेवाड़ और प्रांतीय महामंत्री विनोद कुमार अग्रवाल ने कहा कि एमएसएमई सेक्टर के लिए यह अधिभार एक और झटका होगा। इससे उत्पादन लागत बढ़ेगी और यह छोटे व्यवसायों के लिए अस्तित्व का संकट खड़ा कर सकता है।
बैठक में इस बात पर भी चिंता जताई गई कि प्रस्ताव के अनुसार अधिभार का निर्धारण और अपील की प्रक्रिया एक ही विभाग संचालित करेगा, जो अनुचित है। चेंबर महासचिव आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि नियम के प्रस्ताव तैयार करने से पूर्व औद्योगिक संगठनों, उपभोक्ता प्रतिनिधियों, नगरपालिका प्रतिनिधियों और जेएसईआरसी जैसी संस्थाओं की सलाह नहीं ली गई है, जो इसकी प्रक्रिया को और अधिक संदिग्ध बनाता है। यह प्रस्ताव न केवल उपभोक्ताओं के हितों के विरुद्ध है, बल्कि संवैधानिक और नियामकीय सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। इसलिए नगर विकास विभाग इसपर पुनर्विचार करे और जनहित में इस प्रस्ताव को वापस ले।
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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak
