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सरकार ने खाद्य तेल डेटा अनुपालन को बढ़ावा देने के लिए 2011 के आदेश में संशोधन किया

वनस्पति तेल के लोगो का प्रतीकात्‍मक चित्र

नई दिल्‍ली 07 अगस्‍त (Udaipur Kiran) । केंद्र सरकार ने खाद्य तेल डेटा अनुपालन को बढ़ावा देने के लिए वनस्पति तेल उत्पाद, उत्पादन और उपलब्धता (विनियमन) आदेश, 2011 में संशोधन को अधिसूचित कर दिया है। इससे खुदरा कीमतों को स्थिर करने और देशभर में खाद्य तेलों की उपलब्धता में सुधार करने में मदद मिलेगी।

उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में बताया कि खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) ने वनस्पति तेल उत्पाद, उत्पादन एवं उपलब्धता (विनियमन) आदेश, 2011 (वीओपीपीए विनियमन आदेश, 2011) में संशोधन को अधिसूचित किया है। यह आदेश मूल रूप से आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत जारी किया गया। इस आदेश को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 द्वारा पूर्ववर्ती विनियमों को निरस्त करने के बाद तैयार किया गया था।

इस संशोधन का उद्देश्य 2014 में दो प्रमुख निदेशालयों के विलय के परिणामस्वरूप हुए संस्थागत परिवर्तनों के साथ आदेश को संरेखित करना और सांख्यिकी संग्रह अधिनियम, 2008 के तहत प्रावधानों को शामिल करके खाद्य तेल क्षेत्र में डेटा संग्रह तंत्र को बढ़ाना है। यह संशोधन उत्पादन और स्टॉक की स्थिति की गहन निगरानी, खाद्य तेलों की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करने और सरकार के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा उद्देश्यों को समर्थन प्रदान करने में सक्षम बनाता है।

मंत्रालय ने बताया कि उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाने और समय पर अनुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए वीओपीपीए पोर्टल https://www.edibleoilindia.in को और अधिक सहज इंटरफ़ेस के साथ अपग्रेड किया गया है। इससे रणनीतिक नीति नियोजन में मदद मिलेगी, आपूर्ति शृंखला की चुनौतियों के लिए समय पर सरकारी प्रतिक्रियाएं सुगम होंगी और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा लक्ष्यों को आगे बढ़ाया जा सकेगा।

मंत्रालय ने एक आदेश में कहा कि सभी खाद्य तेल प्रसंस्करणकर्ताओं, निर्माताओं, पुनर्पैकरों और संबंधित संस्थाओं से आग्रह किया जाता है कि वे अद्यतन विनियमों का पालन करें और https://www.edibleoilindia.in पर आधिकारिक पोर्टल के माध्यम से अपने उत्पादन रिटर्न ऑनलाइन जमा करें।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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