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सरकार का लक्ष्य भारत को हरित हाइड्रोजन का वैश्विक केंद्र बनाना : प्रह्लाद जोशी

भारत मंडपम में हरित हाइड्रोजन 2025 पर तीसरे अंतरराष्‍ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते प्रल्हाद जोशी
भारत मंडपम में हरित हाइड्रोजन 2025 पर तीसरे अंतरराष्‍ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते प्रल्हाद जोशी

– जोशी ने ग्रीन हाइड्रोजन की पायलट परियोजनाओं के लिए किया आह्वान

नई दिल्‍ली, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) । केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि सरकार का लक्ष्य भारत को हरित हाइड्रोजन के उत्पादन, उपयोग और निर्यात का वैश्विक केंद्र बनाना है। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे नवीन प्रस्तावों की प्रतीक्षा है, जो हरित हाइड्रोजन उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ा सकें।

नई दिल्‍ली स्थित भारत मंडपम में हरित हाइड्रोजन 2025 पर तीसरे अंतरराष्‍ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक तकनीकों को प्रदर्शित करने वाली पायलट परियोजनाओं के लिए नए प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं, जिनमें 100 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए बायोमास का उपयोग भी शामिल है। प्रल्हाद जोशी ने अपने संबोधन में कहा कि हरित हाइड्रोजन को केवल एक विकल्प के रूप में नहीं, बल्कि आर्थिक आवश्यकता के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत सरकार का मुख्य ध्यान ऐसी नवीन तकनीकों के विकास पर है, जो हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए बायोमास या अपशिष्ट पदार्थों का उपयोग करें। ये सम्मेलन राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (एनजीएचएम) को आगे बढ़ाने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है।

उन्‍होंने आगे कहा कि भारत का लक्ष्य दुनियाभर में स्वच्छ मूल्य श्रृंखलाओं और हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था में अग्रणी बनना है। उन्होंने विश्व एक परिवार है के सिद्धांत पर ज़ोर दिया और कहा कि भारत की हरित हाइड्रोजन यात्रा से पूरे ग्रह को लाभ होगा। दो दिवसीय यह सम्मेलन हरित हाइड्रोजन के विकास और विभिन्न क्षेत्रों में इसके अनुप्रयोगों से संबंधित विषयों पर केंद्रित होगा।

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने वाली शुरुआती परियोजनाओं के लिए नए प्रस्ताव को आमंत्रित किए। इनमें 100 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए ‘बायोमास’ का उपयोग भी शामिल है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कार्यान्वयन एजेंसी जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) जल्द ही इच्छुक एजेंसियों और अनुसंधान संस्थानों से भागीदारी को आमंत्रित करते हुए प्रस्तावों के लिए आमंत्रण जारी करेगी।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर