
जयपुर, 22 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । राजस्थान के दक्षिणी हिस्सों में मानसून की बरसात का दौर अब भी जारी है। रविवार को उदयपुर, राजसमंद, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ और झालावाड़ जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई। उदयपुर जिले में सबसे अधिक लगभग 2 इंच बारिश हुई। वहीं पश्चिमी राजस्थान के जिलों में पश्चिमी हवाओं (वेस्टर्न विंड) का असर बढ़ने से दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी देखी जा रही है। रविवार को श्रीगंगानगर में दिन का अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
मौसम विभाग ने सोमवार को 9 जिलों और मंगलवार को 8 जिलों के लिए बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। विभाग का अनुमान है कि 24 सितम्बर से प्रदेश में मौसम शुष्क हो जाएगा। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार उदयपुर जिले के वल्लभनगर में सर्वाधिक 75 मिमी वर्षा दर्ज हुई, जबकि डबोक में 63.8 मिमी और प्रतापगढ़ में 7 मिमी बरसात हुई। चित्तौड़गढ़ जिले के राशमी और भोपालसागर में क्रमशः 7 और 2 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई। झाड़ोल, अरनोद और बड़ौदा कस्बों में भी हल्की बारिश हुई। दक्षिणी राजस्थान में हुई इस वर्षा से तापमान में हल्की गिरावट आई, लेकिन उमस का असर बना रहा। सुबह के समय आर्द्रता का स्तर कई स्थानों पर 90 से 100 प्रतिशत तक पहुंच गया, जिससे मौसम चिपचिपा महसूस हुआ। इसके विपरीत, पश्चिमी राजस्थान में वर्षा न होने से गर्मी का असर अधिक रहा और अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर दर्ज किया गया।
तापमान की दृष्टि से श्रीगंगानगर राज्य का सबसे गर्म जिला रहा, जहां अधिकतम तापमान 39.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। फलौदी और चूरू में भी पारा 37 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा। पूर्वी राजस्थान के धौलपुर में अधिकतम तापमान 38.3 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। जयपुर में दिन का तापमान 36.6 डिग्री और रात का तापमान 26.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से अधिक है। कोटा और अजमेर में अधिकतम तापमान 34 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया।
न्यूनतम तापमान की बात करें तो सिरोही जिले में पारा 18.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा, जो मौसम की ताजगी का संकेत देता है। पाली और जालोर जिलों में रात का तापमान 22 से 24 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। कुल मिलाकर, न्यूनतम तापमान सामान्य स्तर पर तो रहा, लेकिन अधिकतम तापमान कई स्थानों पर औसत से ऊपर दर्ज हुआ।
मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में दक्षिणी राजस्थान के कुछ जिलों में हल्की वर्षा की संभावना बनी हुई है, जबकि पश्चिमी हिस्सों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। वर्षा की इस असमान स्थिति से किसानों को मिली-जुली राहत मिल रही है, जहां पूर्वी जिलों में खेतों की नमी फसलों के लिए लाभकारी होगी। वहीं पश्चिमी जिलों के किसान अब भी बारिश का इंतजार कर रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) / अखिल
