
जयपुर, 27 नवंबर (Udaipur Kiran) । एनर्जी कोशेंट (ईक्यू) मैगज़ीन द्वारा राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित ‘ग्लोबल सोलर एक्सपो – राजस्थान 2025’ के दूसरे और अंतिम दिन इंडस्ट्री सरकार और निवेशकों की रिकॉर्ड भागीदारी देखने को मिली। एक्सपो का मुख्य आकर्षण ‘टॉप 100 सोलर अचीवर्स अवार्ड समारोह रहा। जिसमें उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा तथा सहकारिता एवं नागरिक उड्डयन विभाग के राज्य मंत्री गौतम कुमार दक ने राजस्थान और देशभर के सौर ऊर्जा क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले नेताओं,कंपनियों और इनोवेटर्स को सम्मानित किया।
उपमुख्यमंत्री बैरवा ने कहा कि राजस्थान आज भारत की सौर राजधानी है। यह एक्सपो सिर्फ तकनीक का मंच नहीं, बल्कि ऊर्जा स्वतंत्रता, निवेश और रोजगार वृद्धि की नई संभावनाओं का रास्ता भी है।
एक्सपो के दूसरे दिन आयोजित ‘सूर्याकोन कॉन्फ्रेंस’ के विभिन्न सत्रों में नवीकरणीय ऊर्जा के अगले दशक की दिशा पर व्यापक चर्चा की गई। विशेषज्ञों, डेवलपर्स, वित्तीय संस्थानों और टेक्नोलॉजी लीडर्स ने निम्न प्रमुख विषयों पर विचार साझा किए
मुख्य अतिथि पूर्व सांसद रामचरण बोहरा की उपस्थिति में उद्घाटन सत्र में उद्योग–सरकार के प्रतिनिधियों ने राजस्थान को भविष्य का ग्रीन-एनर्जी हब बनाने के लिए नीति, तकनीक और निवेश के एकीकृत रोडमैप पर व्यापक विमर्श किया। चर्चाओं का प्रमुख फोकस सोलर से ज्यादा स्टोरेज, सी एंड आई सेक्टर में आरई 100 ट्रांजिशन, अत्याधुनिक सौर तकनीकों और ग्रीन हाइड्रोजन की संभावनाओं पर रहा। पैनल में कलेक्टर जयपुर जितेन्द्र सोनी, इंडस्ट्री लीडर्स, तकनीकी विशेषज्ञ और आरआरईसीएल के अधिकारी शामिल रहे।
उद्घाटन सत्र में वक्ताओं ने कहा कि सोलर ज्यादा स्टोरेज मॉडल राजस्थान की ऊर्जा सुरक्षा और स्थायी ग्रिड के लिए निर्णायक साबित होंगे। उद्योग में सर्कुलर इकॉनमी, रीसाइक्लिंग, स्किल डेवलपमेंट, हेरिटेज और मरुस्थलीय इलाकों में ऑफ-ग्रिड सोलर समाधान, और कृषि के लिए सोलर पंपिंग सिस्टम को भी ऊर्जा संक्रमण के महत्वपूर्ण स्तंभ बताया गया।
सी एंड आई सत्र में विशेषज्ञों ने ओपन एक्सेस और ग्रुप कैप्टिव मॉडलों, नीति-नियमन, फाइनेंसिंग फ्रेमवर्क, पीपीए स्ट्रक्चर और स्थानीय अर्थव्यवस्था तथा रोजगार पर पड़ने वाले प्रभाव पर रोशनी डाली। चर्चाओं का जोर था कि आधुनिक तकनीकें और विकेन्द्रीकृत ऊर्जा प्रणालियाँ आने वाले वर्षों में औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए गेम चेंजर होंगी।
टेक लीडर्स की प्रस्तुतियों में अडाणी सोलर, पॉलीकैब और अन्य कंपनियों ने हाई-एफिशिएंसी मॉड्यूल्स, स्मार्ट इन्वर्टर्स, और नई क्लीन-टेक इनोवेशन प्रदर्शित कीं, जिन्होंने उद्योग सहभागियों के लिए नई तकनीकी संभावनाओं और सहयोग के मार्ग खोले। ग्रीन हाइड्रोजन पैनल ने इसे राजस्थान के अगले बड़े ऊर्जा अवसर के रूप में प्रस्तुत किया।
चर्चा में नेट-ज़ीरो लक्ष्यों में इसकी भूमिका, इलेक्ट्रोलाइजर टेक्नोलॉजी, उत्पादन लागत, ऊर्जा भंडारण के साथ एकीकृत मॉडल और डीकार्बोनाइज़ क्षेत्रों में इसके उपयोग पर गहन विचार साझा किए गए। विशेषज्ञों ने माना कि राजस्थान आने वाले समय में भारत का अग्रणी ‘ग्रीन हाइड्रोजन हब’ बन सकता है। अडाणी, पॉलीकैब, आईएनए सोलर, नवितास, सोलिस, आरपीएसजी, सोलिटेक सहित 100 ज्यादा कंपनियों ने सोलर मॉड्यूल, इन्वर्टर्स, बैटरी स्टोरेज, ईवी चार्जिंग, स्मार्ट ग्रिड और क्लीन-टेक समाधानों का प्रदर्शन किया। विज़िटर्स ने नई तकनीकों को अत्यधिक सराहा और कई बी2बी मीटिंग्स में संभावित सहयोग पर चर्चा हुई।
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(Udaipur Kiran)