

नई दिल्ली 06 अगस्त (Udaipur Kiran) । केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने बुधवार को ‘भारतीय हथकरघा क्षेत्र में कार्बन फुटप्रिंट आकलन’ नामक पुस्तक का विमोचन किया। यह पुस्तक जीवंत और जटिल भारतीय हथकरघा और टिकाऊ फैशन एवं विचारशील उपभोग में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर केंद्रित है।
केंद्रीय कपड़ा मंत्री ने कहा कि स्थायित्व की दिशा में वास्तविक प्रगति के लिए वस्त्र उत्पादन के प्रत्येक चरण में कार्बन प्रभाव को मापना आवश्यक है। प्रत्येक चरण पर आंकड़ों का परिमाणीकरण किए बिना सुधार के क्षेत्रों को चिन्हित करना या हमारे कार्यों की प्रभावशीलता का आकलन करना असंभव है।
‘भारतीय हथकरघा क्षेत्र में कार्बन फुटप्रिंट आकलन: पद्धतियां और केस स्टडीज’ नामक इस पुस्तक को वस्त्र मंत्रालय के हथकरघा विकास आयुक्त कार्यालय और आईआईटी, दिल्ली के वस्त्र एवं फाइबर इंजीनियरिंग विभाग ने संयुक्त रूप से तैयार किया है। इस पुस्तक में देशभर के वास्तविक मामलों के अध्ययनों के माध्यम से कार्बन फुटप्रिंट मापने के सरल चरण शामिल किये गए हैं, जिनमें सूती चादरें, फर्श की चटाई, इकत साड़ियां, बनारसी साड़ियां और अन्य प्रतिष्ठित हथकरघा उत्पाद शामिल हैं। इसमें पर्यावरण-अनुकूल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए हथकरघा क्षेत्र के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए कम लागत वाले डेटा संग्रह और उत्सर्जन मापन विधियों की पद्धतियां भी शामिल हैं।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
