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घर-घर कन्याओं की मनुहार…भोजन कराकर दिए उपहार

घर-घर कन्याओं की मनुहार...भोजन कराकर दिए उपहार
घर-घर कन्याओं की मनुहार...भोजन कराकर दिए उपहार
घर-घर कन्याओं की मनुहार...भोजन कराकर दिए उपहार

जयपुर, 1 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । आश्विन शुक्ल के शारदीय नवरात्रा का बुधवार को कन्या -बटुक पूजन के साथ समापन हुआ। अल सुबह से गृहणी कन्या भोजन बनाने में जुट गई। वहीं बुधवार को माता-रानी की जोत देखकर उन्हे हलवा, पूड़ी, खीर, काले चने का भोग अर्पित किया गया। जिसके पश्चात भैरू बाबा की उपासना कर उन्हें भी खीर ,हलवा, काले चने का भोग लगाया गया। जिसके बाद कन्या पूजन का सिलसिला शुरू हुआ।

नौ दिन तक माता रानी की पूजा-अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं ने बुधवार को पूरे विधि-विधान से कन्याओं और बटुकों का पूजन किया। उन्हें भोजन, दक्षिणा और उपहार भेंट किए गए। सुबह से ही घर-घर में भक्ति और उल्लास का माहौल देखा गया। कन्याओं ने सुबह से दोपहर तक अलग-अलग घरों में थोड़ा-थोड़ा भोजन किया। कन्याओं को उनके घर से लेने के लिए लोग इंतजार करते रहे। कन्याओं के पैर धोकर आसन पर बैठाया। हलवा, खीर, चने, पूड़ी परोसी। भोजन ग्रहण करने के बाद तिलक कर दक्षिणा और उपहार प्रदान किए। परिवार के सभी सदस्यों ने कन्याओं के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इससे पूर्व मां दुर्गा के नवम स्वरूप महागौरी का पूजन किया गया। ज्योत प्रज्वलित कर भोग लगाया गया। कलश के जल से पूरे घर में शांति अभिसिंचन किया गया।

देवी मंदिरों में हवन के बाद कराया कन्याओं को भोजन

आश्विन के शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि को मां दुर्गा के मंदिरों में दर्शन के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े। मातारानी के दर्शन कर नारियल, चुनरी और प्रसाद चढ़ाया। कनक घाटी आमेर रोड स्थित ठिकाना मंदिर श्री गोविन्द देव जी के मातहत मंदिर श्री देवी मनसा माता में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में पूजन कर पुष्पांजलि अर्पित की गई। हवन में आहुतियां अर्पित कर पूर्णाहुति दी गई। इस मौके पर हनुमान जी का भी पूजन किया गया। इसके बाद 251 कन्याओं को भोजन कराकर उपहार भेंट किए गए। मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि विजयादशमी को नवरात्र उत्थापन होगा। आमेर स्थित प्राचीन शिला माता मंदिर में नवमी को सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिर के पट खुलने से पूर्व ही बड़ी संख्या में भक्त आमेर महल पहुंच गए। कई श्रद्धालु पदयात्रा कर मंदिर पहुंचे और माता के दर्शन किए। मंदिर के पुजारी बनवारी लाल शर्मा के सान्निध्य में सुबह तांत्रिक पद्धति से पूजन किया गया।

दुर्गापुरा स्थित प्राचीन दुर्गा माता मंदिर में महंत महेन्द्र भट्टाचार्य के सान्निध्य में नवमी को विशेष श्रृंगार किया गया। ऋतु पुष्पों से सुसज्जित माता की प्रतिमा के समक्ष दुर्गा सप्तशती का पाठ और संगीतमय भजन-अर्चन हुआ। पुरानी बस्ती स्थित रुद्र घंटेश्वरी, घाटगेट श्मशान स्थित काली माता मंदिर, झालाना डूंगरी स्थित कालक्या माता मंदिर, राजा पार्क स्थित वैष्णो देवी मंदिर में भी नवमी तिथि को विशेष पूजन कर कन्या-बटुकों को भोजन कराया गया।

शक्तिपीठों में शारदीय नवरात्र की पूर्णाहुति

अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में बुधवार को गायत्री परिजनों ने शारदीय नवरात्र के लघु अनुष्ठान की पूर्णाहुति की। गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी, किरण पथ मानसरोवर स्थित श्री वेदमाता गायत्री वेदना निवारण केंद्र, गायत्री शक्तिपीठ वाटिका, कालवाड़, दुर्गापुरा, वैशाली नगर, जनता कॉलोनी सहित अन्य प्रज्ञा केंद्रों पर सामूहिक साधना की पूर्णाहुति की गई। पंच कुंडीय यज्ञ में गायत्री मंत्र से आहुतियां अर्पित की।गायत्री चेतना केंद्र दुर्गापुरा में सुशील कुमार शर्मा, राजेश कुमार शर्मा ने प्रज्ञा गीतों के साथ यज्ञ संपन्न करवाया।

दुर्गा पूजा पंडालों में हुई महानवमी पूजन

वहीं नवरात्रि की महानवमी पर राजधानी जयपुर के विभिन्न इलाकों में स्थित दुर्गा पूजा पंडालों में देर रात तक भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। बनी पार्क, मालवीय नगर, सी-स्कीम, मुरलीपुरा सहित कई स्थानों पर बंगाली समाज की ओर से पूजा-अर्चना और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। पूजा समितियों के पदाधिकारियों, महिलाओं और बच्चों ने बड़ी श्रद्धा से पूजा में भाग लिया। नृत्य के साथ आरती ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। बंगाली महिलाएं पारंपरिक लाल बॉर्डर वाली सफेद साड़ी और पुरुष धोती-कुर्ता पहनकर ढाक वादन की थाप पर नृत्य करते हुए आरती उतारते नजर आए। गुरुवार को सिंदूर खेला होगा।

मालवीय नगर दुर्गा पूजा समिति में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। कन्या पूजन के साथ खिचड़ी, चचड़ी, खीर और मिष्ठान का भोग लगाया गया। पश्चिम बंगाल से आए कलाकारों ने महिला सशक्तिकरण पर भावपूर्ण कार्यक्रम प्रस्तुत किया। साथ ही ऑपरेशन सिंदूर पर आधारित नाट्य प्रस्तुति से सभी को भावविभोर किया। राजधानी में निवास कर रहे पश्चिम बंगाल के श्रद्धालुओं ने अलग-अलग दुर्गा पांडालों में बुधवार को महानवमी का पूजन किया। महिषासुर मर्दिनी, मां लक्ष्मी, मां काली की प्रतिमा का पूजन कर विशेष भोग लगाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। बनीपार्क के दुर्गाबाड़ी, मुरलीपुरा कालीबाड़ी, जय क्लब, मालवीय नगर सेक्टर-10 स्थित कालीबाड़ी सोसायटी सहित विभिन्न पंडालों में महानवमी की पूजा संपन्न हुई। देवी प्रतिमाओं के समक्ष भक्तों ने पुष्पांजलि अर्पित की और मंगल की कामना की। मंत्रोच्चार, शंखनाद और पारंपरिक ढाक (ढोल) की ध्वनि से वातावरण भक्तिमय हो गया। सांस्कृतिक आयोजनों की श्रृंखला में शाम को नृत्य-गीत प्रस्तुतियां एवं भक्ति संध्या का आयोजन हुआ, जिसमें समाज के बच्चों और युवाओं ने भाग लेकर श्रद्धालुओं को भावविभोर किया। सभी पंडालों में कन्या पूजन भक्ति भाव से किया गया।

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(Udaipur Kiran)

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