
-गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) ने सार्वजनिक खरीद प्रणाली के पूरे किए 9 वर्ष
नई दिल्ली 08 अगस्त (Udaipur Kiran) । सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) ने शुक्रवार को अपना 9वां स्थापना दिवस मनाया। जीईएम ने वित्त वर्ष 2024-25 में सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) में 5.4 लाख करोड़ रुपये मूल्य के लेन-देन दर्ज किए हैं। पिछले 9 वर्षों में जीईएम ने उल्लेखनीय उपलब्धियां दर्ज की हैं, जिसमें स्टार्टअप, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), कारीगरों और सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई) के साथ 1.5 लाख महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को शामिल करना शामिल है।
गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मिहिर कुमार ने बताया कि पारदर्शी, समावेशी और कुशल सार्वजनिक खरीद को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2016 में शुरू किया गया यह प्लेटफॉर्म अब एक डिजिटल खरीद प्रणाली के रूप में विकसित हो गया है। उन्होंने बताया कि प्रमुख सुधारों में विक्रेताओं के लिए काशन मनी की समाप्ति, वेंडर असेसमेंट शुल्क का तर्कसंगत किया जाना और ट्रांजेक्शन चार्जेज में उल्लेखनीय कमी आई है, जिससे 97 फीसदी तक के आर्डर शुल्क-मुक्त हुए हैं।
मीडिया को संबोधित करते हुए जीईएम के सीईओ मिहिर कुमार ने कहा कि जेम भारत की खरीद व्यवस्था की रीढ़ बन गया है, जो पारदर्शिता को रूपांतरण से जोड़ता है। यह 9वां स्थापना दिवस केवल आंकड़ों का उत्सव नहीं है, बल्कि उन लोगों का सम्मान है जो शासन को अधिक सुलभ, समावेशी और प्रभावी बनाते हैं। उन्होंने बताया कि डिजिटल भारत की ओर बढ़ते हुए जीईएम उद्देश्यपूर्ण नेतृत्व करने के लिए तैयार है। यह एआई और अगली पीढ़ी की तकनीकों का उपयोग करके खरीद प्रक्रिया की पारदर्शिता, उपयोगकर्ता अनुभव को और बेहतर बना रहा है।
सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) एक ऑनलाइन मंच है। भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने इसको 9 अगस्त, 2016 को लॉन्च किया था। इसका उद्देश्य सरकारी विभागों और संगठनों के लिए वस्तुओं और सेवाओं की खरीद को सरल, पारदर्शी और कुशल बनाना है। यह देशभर के विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं को जोड़ता है, जिनमें महिला उद्यमी, स्टार्टअप, सूक्ष्म और लघु उद्यम (एमएसई), कारीगर, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) और दिव्यांगजन शामिल हैं।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
