
जयपुर, 20 अगस्त (Udaipur Kiran) । विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने जोधपुर में विगत दिनों हुई दुखद घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दिए गए बयान को दुर्भाग्यपूर्ण और पूर्णतः निंदनीय बताया है। पटेल ने कहा कि एक वरिष्ठ जनप्रतिनिधि को इस तरह की ओछी राजनीति नहीं करनी चाहिए। गहलोत अब वैमनस्य से भरी राजनीति करने पर उतर आए है, यह अत्यंत निंदनीय और दुखद है। उन्होंने कहा कि वर्तमान मुख्यमंत्री जितने संवेदनशील और त्वरित निर्णय लेने वाले हैं, उतने संवेदनशील अशोक गहलोत कभी नहीं रहे। इस दुखद घटनाक्रम में महज 2 घंटे के भीतर अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक को पीड़ित परिवार से संपर्क साधा और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया, जबकि गहलोत जी ने आज तक ऐसी किसी भी दुर्घटना में कभी कोई संज्ञान तक नहीं लिया। ऐसी स्थिति में उनका बयान वैमनस्य से भरा हुआ है, जो कि अत्यंत निंदनीय है।
विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि नाबालिग बच्चों की मृत्यु पर राजनीति करना अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। अशोक गहलोत जैसे वरिष्ठ जनप्रतिनिधि को ऐसे विषयों पर राजनीतिक लाभ उठाना शोभा नहीं देता। यदि उन्हें कोई सुझाव देना था, या किसी कमी की ओर ध्यान आकृष्ट कराना था, तो वे जिम्मेदारी के साथ ऐसा कर सकते थे, लेकिन दुर्भाग्यवश उन्होंने राजनीति की दिशा को वैमनस्य की ओर मोड़ने का प्रयास किया है।
उन्होंने कहा कि क्या अशोक गहलोत कभी ऐसे अवसरों पर परिवारों से मिलने गए? क्या उन्होंने कभी इस प्रकार की अकाल मृत्यु पर कोई प्रस्ताव दिया? आज जब वे स्वयं अपनी पार्टी में हाशिये पर जा रहे हैं, तो सुर्खियां बटोरने के लिए इस प्रकार के बयान दे रहे हैं यह केवल अखबारों की हेडलाइन और सोशल मीडिया की चर्चाओं में आने का प्रयास है।
विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने कांग्रेस पीसीसी प्रदेश अध्यक्ष से आग्रह किया कि वे स्पष्ट करें कि स्क्रीनिंग कमेटी कब बनी? उसमें कितने अधिकारियों को शामिल किया गया था। उन्हें पता है कि चयन की एक पूर्वनिर्धारित प्रक्रिया थी। परीक्षा के उपरांत सबसे उपयुक्त व्यक्ति का चयन हुआ है। यह कहना कि अमुक जाति, धर्म के व्यक्ति चयनित नहीं हुए, इस प्रकार की संकीर्ण राजनीति से कांग्रेस को बाज आना चाहिए। पटेल ने कहा कि कांग्रेस को यह धन्यवाद देना चाहिए कि वर्षों बाद विभिन्न सेवाओं से आने वाले अधिकारियों को आईएएस बनने का अवसर प्राप्त हुआ है। कांग्रेस को इस तरह की ओछी और विभाजनकारी राजनीति से बचना चाहिए।
—————
(Udaipur Kiran)
