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गहलोत ने एसओजी और एसीबी का दुरुपयोग कर दर्ज करवाए थे झूठे मुकदमे :मदन राठौड़

गहलोत ने एसओजी और एसीबी का दुरुपयोग कर दर्ज करवाए थे झूठे मुकदमे

जयपुर, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर पीठ द्वारा ब्यावर निवासी भरत मालानी एवं उदयपुर निवासी अशोक सिंह को बरी किए जाने का निर्णय इस बात का प्रमाण है कि कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल में विपक्ष से जुड़े निर्दोष व्यक्तियों को राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार बनाया। उन्होंने कहा कि सन 2020 में अशोक गहलोत सरकार ने एसओजी और एसीबी का दुरुपयोग कर झूठे मुकदमे दर्ज करवाए। ताकि अपनी ही आंतरिक फूट और सत्ता संघर्ष को छुपाया जा सके। इस दौरान निर्दोष व्यक्तियों को लगभग एक माह तक जेल में रहना पड़ा। आज न्यायालय द्वारा एसीबी की प्रस्तुत एफआर के आधार पर दोनों को बरी करना कांग्रेस सरकार की साजिशों और झूठे मुकदमों की पोल खोलता है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस ने उस समय अपने ही अंदरूनी संघर्ष और सचिन पायलट को कमजोर करने के लिए भाजपा समर्थित व्यक्तियों को टारगेट किया। लेकिन सच को दबाया नहीं जा सकता। आज न्यायालय ने साबित कर दिया है कि कांग्रेस की कथनी और करनी में कितना बड़ा अंतर है। उन्होंने कहा कि यह फैसला कांग्रेस की नाकाम राजनीति और झूठ की हार है तथा लोकतंत्र और न्याय की जीत है। राठौड़ ने कहा कि जनता सब देख रही है और कांग्रेस द्वारा रचे गए ऐसे षड्यंत्रों का परिणाम कांग्रेस को आने वाले चुनावों में भुगतना होगा। राठौड़ ने याद दिलाया कि उस समय अशोक गहलोत ने अपनी सरकार बचाने के लिए विधायकों को महीनों तक होटल में कैद रखा और वहीं से सरकार चलाई। यह लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ और सत्ता के लिए कांग्रेस का एक और काला अध्याय था। उसे छिपाने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमे लगा दिए गए थे।

गौरतलब है कि ब्यावर निवासी भरत मालानी एवं उदयपुर निवासी अशोक सिंह के विरुद्ध विधायकों की खरीद फरोख्त एवं सरकार गिराने के षड्यंत्र के आरोप में एसओजी में अशोक गहलोत की कांग्रेस सरकार द्वारा 2020 में शिकायत दर्ज करवाकर दोनों व्यक्तियों को गिरफ्तार करवाया था तथा कुछ समय पश्चात उपरोक्त एफआईआर में एफआर लगाकर इसी मामले में एक नई एफआईआर एसीबी में दर्ज करवाई। इस मामले में दोनों व्यक्ति लगभग एक माह जेल में रहे थे।

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(Udaipur Kiran)

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