
कठुआ, 25 सितंबर (Udaipur Kiran News) । राजकीय महाविद्यालय हीरानगर में हिंदी दिवस और एनएसएस स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. प्रज्ञा खन्ना के तत्वावधान में एक अंतर-महाविद्यालय संगोष्ठी का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुई, जिसके बाद महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. प्रज्ञा खन्ना ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि मातृभाषा हिंदी केवल संचार का माध्यम नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और विरासत की आत्मा है और यह दिवस हमें अपनी राष्ट्रभाषा के संरक्षण, संवर्धन और उस पर गर्व करने की हमारी जिम्मेदारी की याद दिलाता है, जो देश को उसकी विविधता में एकता के सूत्र में पिरोती है। एनएसएस स्थापना दिवस भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जो हमारे छात्रों को निस्वार्थ सेवा, अनुशासन और सामाजिक उत्तरदायित्व के मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि माननीय विधायक हीरानगर एडवोकेट विजय कुमार शर्मा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हिंदी, जैसा कि हम सभी जानते हैं, केवल एक भाषा नहीं है, बल्कि एक सांस्कृतिक पहचान है जो हमें एक साथ बांधती है और इस अवसर पर हम अपनी राजभाषा के महत्व को याद करते हैं। कला, संस्कृति और भाषा विभाग के पूर्व अतिरिक्त सचिव डॉ. अरविंदर सिंह अमन ने कहा कि हिंदी भाषा ने हमारी परंपराओं को संरक्षित करने में एक सांस्कृतिक भूमिका निभाई है, जो एक साथ आधुनिक आवश्यकताओं को अपनाती है। डॉ. भारत भूषण शर्मा, मंत्रीध्संचालक, राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, जम्मू-कश्मीर ने सभा को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि हिंदी भाषा न केवल एक संपर्क भाषा है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक पहचान की धड़कन भी है। यह हमारी परंपराओं, मूल्यों और विविधता में एकता को दर्शाती है।
इसके अलावा विभिन्न कॉलेजों के दस प्रतिभागियों ने हिंदी रोजगार, तकनीक और भविष्य की भाषाष् विषय पर बड़े उत्साह और जोश के साथ बात की। इस अवसर पर रितिका शर्मा, जीडीसी सांबा ने प्रथम, चिन्मय शर्मा, जीडीसी हीरानगर ने द्वितीय और कंशु देवी, जीडीसी सांबा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्रोफेसर राकेश शर्मा विभागाध्यक्ष हिंदी और प्रोफेसर शापिया शमीम, एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी के कुशल मार्गदर्शन में, आयोजन टीम के समर्पित प्रयासों और हिंदी छात्रों और एनएसएस स्वयंसेवकों की उत्साही भागीदारी के साथ, पूरे कार्यक्रम का कुशलतापूर्वक समन्वय किया गया। इस अवसर पर निवर्तमान एनएसएस स्वयंसेवकों को सम्मानित किया गया और अंतर-कॉलेज प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त, छात्रों ने एक मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया। हिंदी विभाग के डॉ. विजय कुमार ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया
