
गांधीनगर, 23 जून (Udaipur Kiran) । गुजरात प्रशासनिक सुधार आयोग (जीएआरसी) के अध्यक्ष डॉ. हसमुख अढिया ने तीसरी सिफारिश रिपोर्ट सोमवार को गांधीनगर में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को सौंपी। इस आयोग का गठन ‘विकसित गुजरात@2047’ को अग्रणी रखने के लक्ष्य के साथ राज्य शासन के प्रशासनिक ढांचे और कार्य पद्धति में आवश्यक बदलाव के लिए किया गया था। डॉ. अढिया के मार्गदर्शन में इस आयोग ने अब तक दो सिफारिश रिपोर्ट सरकार को सौंपी हैं।
आयोग की तीसरी रिपोर्ट में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रशासनिक सुधारों के माध्यम से नागरिकों के लिए और अधिक पारदर्शी, त्वरित और नागरिक-केंद्रित शासन सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है। छात्रवृत्ति योजनाओं का एकीकरण कर एक ही प्लेटफॉर्म पर छात्रवृत्तियों का वितरण, सरकारी बसों में क्यूआर कोड और यूपीआई के माध्यम से टिकट बुकिंग तथा सरकारी बसों की रियल टाइम ट्रैकिंग जैसे सुधारों के अलावा डिजी लॉकर-आधारित दस्तावेज सेवाएं, एसएमएस और वॉट्सऐप के जरिए सरकारी आवेदन की स्थिति की जानकारी जैसी सिफारिशें नागरिकों के लिए सरलता, समय की बचत और सरकारी सेवाओं के प्रति विश्वास को सुदृढ़ करेगी। ये सिफारिशें गुजरात को एक प्रगतिशील और डिजिटली सशक्त राज्य बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होंगी।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को यह सिफारिश रिपोर्ट सौंपते हुए जीएआरसी अध्यक्ष डॉ. हसमुख अढिया ने कहा कि ‘सशक्त नागरिकों के लिए टेक्नोलॉजी युक्त शासन’ और ‘गुजरात के विकास में जनता केवल सहभागी नहीं, बल्कि सहयात्री बनेगी’ के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए की गई सिफारिशों के साथ यह तीसरी रिपोर्ट तैयार की गई है। जीएआरसी की तीसरी रिपोर्ट की ये सिफारिशें जीएआरसी की वेबसाइट https://garcguj.in/resources पर अपलोड की गई हैं।
रिपोर्ट सौंपने के अवसर पर मुख्य सचिव पंकज जोशी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एम.के. दास, मुख्यमंत्री के सलाहकार एस.एस. राठौर, प्रशासनिक सुधार आयोग के प्रधान सचिव हरीत शुक्ला, मुख्यमंत्री की अपर प्रधान सचिव अवंतिका सिंह और सचिव डॉ. विक्रांत पांडे के साथ ही जीएआरसी के अधिकारी उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / Abhishek Barad
