
हरिद्वार, 1 जुलाई (Udaipur Kiran) । मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे के निर्देश पर जनपद हरिद्वार के समस्त विकासखंडों में अल्ट्रा पूअर सपोर्ट, एंटरप्राइजेज (फॉर्म-नॉन फॉर्म) और सीबीओ लेवल के एंटरप्राइजेज की स्थापना की गई है। इसी कड़ी में, ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के सहयोग से उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास समिति द्वारा संचालित, ग्रामीण उद्यमों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
बहादराबाद विकासखंड के अतमलपुर बौंगला गांव की निवासी दीपा, ऐसी ही एक उद्यमी हैं, जिन्होंने इस परियोजना की सहायता से सफलता हासिल की है। दीपा पहले एक छोटे स्तर पर प्रोविजन स्टोर चला रही थीं, जो उनके परिवार की आय का एकमात्र स्रोत था। ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना टीम के दौरे के दौरान, यह देखा गया कि दीपा अत्यंत गरीब थीं और अपने उद्यम को बड़े स्तर पर ले जाने की इच्छुक थीं।
ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना ने दीपा को अल्ट्रा पूअर सपोर्ट के तहत 35 हजार रुपये का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया, जिसके साथ उन्होंने अपने 7 हजार रुपये के स्वयं के अंशदान को मिलाकर अपने प्रोविजन स्टोर को बड़े स्तर पर विस्तारित किया। यह वित्तीय सहायता दीपा के लिए एक गेम-चेंजर साबित हुई। अब, वह अपने परिवार का भरण-पोषण बेहतर तरीके से कर रही हैं और प्रतिमाह 8 से 10 हजार रुपये की आय अर्जित कर रही हैं।
दीपा बालाजी एसएचजी समूह की सदस्य हैं। यह समूह आस्था ग्राम संगठन का हिस्सा है, जो श्रद्धा सीएलएफ के अंतर्गत आता है। दीपा की कहानी ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना और जिला प्रशासन हरिद्वार के सफल क्रियान्वयन का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के अवसरों को बढ़ाने और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। दीपा जैसी महिलाओं की सफलता अन्य ग्रामीणों को भी स्वरोजगार के लिए प्रेरित करेगी।
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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
