
धमतरी, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । कभी दूसरों के खेतों में मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करती रही सारंगपुरी पंचायत की मधु कंवर आज अपनी मेहनत और योजनाओं के सही इस्तेमाल से लखपति दीदी के नाम से जानी जाती हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशनमें जुड़ने के बाद मधु की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में उल्लेखनीय बदलाव आया है।
डिजिटल इंडिया के तहत मधु ने अपने गांव में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) खोला है, जहाँ ग्रामीणों को आय प्रमाण पत्र, जाति व निवास प्रमाण पत्र, विवाह पंजीयन, बिजली बिल भुगतान, आधार सेवाएँ, श्रम कार्ड और आयुष्मान कार्ड जैसी ई-गवर्नेंस सेवाएँ सुलभ दरों पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। सीएससी संचालन से उन्हें मासिक 10-12 हजार रुपये की स्थायी आमदनी हो रही है और आसपास के कई गांवों के लोग अब सरकारी सेवाएँ गाँव में ही पाते हैं।
मधु बताती हैं कि पहले परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर थी कि बच्चों की पढ़ाई भी मुश्किल हो जाती थी। जय माँ कर्मा महिला स्व-सहायता समूह से जुड़कर उन्होंने धान खरीदी-बिक्री, मशरूम उत्पादन और अन्य छोटे स्वरोजगार अपनाए। समूह के सहयोग से लिया गया व्यवसायिक ऋण लेकर मधु ने घर से ही सीएससी शुरु किया, जो अब उनकी पहचान बन चुका है।
मधु और उनके समूह की महिलाएँ मोमबत्ती निर्माण, केक बेकिंग, मछली पालन, मशरूम उत्पादन और बैंक सखी जैसे कार्यों से जुड़ी हैं, जिससे न केवल आय बढ़ी है बल्कि आत्मनिर्भरता की भावना भी मजबूत हुई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में चलाई जा रही योजनाएँ ग्रामीण प्रतिभाओं को निखारने में मदद कर रही हैं और मधु कंवर जैसी महिलाएँ इसका जीवंत उदाहरण बनकर उभरी हैं।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा