Jammu & Kashmir

नौकरी में उर्दू अनिवार्यता के खिलाफ फ्रेंड्स वेलफेयर सोसाइटी ने जताई आपत्ति

जम्मू, 8 जुलाई (Udaipur Kiran) । फ्रेंड्स वेलफेयर सोसाइटी ने जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड द्वारा हाल ही में जारी नायब तहसीलदार भर्ती विज्ञापन में उर्दू भाषा की परीक्षा को अनिवार्य किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। सोसाइटी ने सरकार से मांग की है कि इस प्रावधान को तुरंत हटाया जाए ताकि केंद्र शासित प्रदेश के सभी भाषाई पृष्ठभूमियों से आने वाले अभ्यर्थियों को समान अवसर मिल सके।

संगठन के प्रतिनिधि आर.एल. कैथ ने कहा कि उर्दू जम्मू-कश्मीर की एकमात्र आधिकारिक भाषा नहीं है और यह किसी विशेष समुदाय की मातृभाषा भी नहीं मानी जाती। ऐसे में इसे सरकारी नौकरियों के लिए अनिवार्य बनाना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकारी कामकाज में उर्दू की जबरन थोपे जाने वाली भूमिका से आम जनता को कठिनाई होती है।

कैथ ने सरकार से मांग की कि नायब तहसीलदार भर्ती से संबंधित जेकेएसएसबी विज्ञापन से उर्दू परीक्षा की शर्त को हटाया जाए और सभी योग्य उम्मीदवारों को भाषा आधारित भेदभाव के बिना मौका दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह निर्णय जम्मू-कश्मीर के व्यापक जनहित में लिया जाना चाहिए।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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