Bihar

जमुई में बरनार जलाशय परियोजना के लिए 290.32 एकड़ भूमि का निःशुल्क हस्तांतरण

पटना, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि जमुई जिला अंतर्गत बरनार जलाशय परियोजना में प्रयुक्त हो रही वन भूमि के उपयोग के लिए क्षतिपूरक वनीकरण (पौधारोपण) के लिए 290.32 एकड़ भूमि को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार, पटना को निःशुल्क अन्तर्विभागीय स्थायी हस्तांतरण की स्वीकृति प्रदान की गई है।

उपमुख्यमंत्री चौधरी नेबताया कि वन संरक्षण और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने की दिशा में यह निर्णय बेहद अहम है। इससे विकास कार्यों के साथ-साथ प्रकृति के प्रति राज्य की जिम्मेदारी भी पूरी होगी। यह भूमि जमुई जिले के तीन अंचलों से प्रस्तावित की गई है—चकाई अंचल से 152.60 एकड़, गिद्धौर अंचल से 125 एकड़, और सोनो अंचल से 12.72 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है। इन अंचलों के अलग-अलग मौजा, खाता और खेसरा की भूमि को क्षतिपूरक वनीकरण के लिए अनुमोदित किया गया है। यह प्रस्ताव जमुई के समाहर्त्ता द्वारा भेजा गया था, जिस पर मुंगेर प्रमंडल के आयुक्त की अनुशंसा प्राप्त है। इसके अतिरिक्त पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, वित्त विभाग तथा राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार, पटना की भी पूर्ण सहमति मिल चुकी है।

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि यह भूमि पहले से ही राज्य सरकार के अधिग्रहण में थी, जिसे अब अंतर्विभागीय प्रक्रिया के तहत निःशुल्क स्थायी रूप से हस्तांतरित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण और संतुलन को भी प्राथमिकता दे रही है। यह निर्णय भी राज्य की क्षतिपूरक वनीकरण नीति के अनुरूप है, जलाशय परियोजना से प्रभावित वन भूमि की भरपाई सुनियोजित ढंग से पूरी होगी।

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(Udaipur Kiran) / चंदा कुमारी

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