CRIME

रायपुर : डिजिटल अरेस्ट का झांसा देकर सेवान‍िवृत्‍त महिला साइंटिस्ट से 42 लाख की ठगी

डिजिटल अरेस्ट  फाइल फाेटाे

रायपुर, 20 सितंबर (Udaipur Kiran) । राजधानी रायपुर के कोतवाली थाने में सेवान‍िवृत्‍त महिला साइंटिस्ट ने अज्ञात जालसाजों के खिलाफ डिजिटल अरेस्ट कर 42 लाख रुपये ठगी करने की रिपोर्ट दर्ज कराई है। जालसाजों ने सेवान‍िवृत्‍त महिला साइंटिस्ट को उनके अकाउंट में तीन करोड़ रुपये मनी लांड्रिंग की रकम का कमीशन 30 लाख रुपये ट्रांसफर होने का झांसा देकर गिरफ्तारी का भय दिखाया और ठगी का शिकार बनाया। शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की है।

रायपुर के टैगोर नगर तिरुपति अपार्टमेंट निवासी 72 वर्षीय पुष्पा अग्रवाल चंडीगढ़ स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ माइक्रोबियल टेक्नोलॉजी से चीफ साइंटिस्ट के पद से रिटायर हुई हैं। महिला ने पुलिस को बताया कि, गुरुवार को उसके मोबाइल पर अज्ञात व्यक्ति ने कॉल किया। कॉल करने वाले ने अपने आपको ट्राई का अधिकारी बताया। अज्ञात जालसाज ने महिला से कहा कि, उनके मोबाइल नंबर से अज्ञात लोगों के पास ब्लैकमेलिंग के लिए कॉल जा रहा है। जालसाज ने महिला को हेल्प करने का झांसा देते हुए उनका कॉल किसी दूसरे को ट्रांसफर कर दिया। महिला का कॉल जिसके पास ट्रांसफर किया गया, उसने अपने आपको दिल्ली पुलिस का अधिकारी होना बताया। जिस जालसाज ने अपने आपको दिल्ली पुलिस का अफसर बताया, उसने पुष्पा को एक व्यक्ति को तीन करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार करने का झांसा दिया। साथ ही जालासाज ने महिला को गिरफ्तार व्यक्ति द्वारा उनके अकाउंट में कमीशन के 30 लाख रुपये ट्रांसफर किए जाने की बात कही।

फर्जी पुलिस अफसर ने महिला को मदद करने का झांसा देकर अकाउंट नंबर देते हुए 42 लाख रुपये आरटीजीएस करने के लिए कहा। साथ ही रकम ट्रांसफर करने के बाद महिला को रकम वापस लौटाने आश्वासन दिया। जालसाज के झांसे में आकर महिला ने शुक्रवार को जालसाज के अकाउंट में रकम आरटीजीएस कर दिया। रकम आरटीजीएस करने के बाद महिला को अपने साथ ठगी होने की जानकारी मिली। इसके बाद पीड़ित महिला कोतवाली में अज्ञात जालसाजों के खिलाफ ठगी की शिकायत दर्ज कराने पहुंचीं। कोतवाली पुलिस ने अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ धोखाधड़ी और आईटी एक्ट की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

रायपुर पुलिस ने लोगों को सतर्क करते हुए अपील की है कि, किसी भी अज्ञात कॉल पर अपनी निजी या बैंकिंग जानकारी साझा न करें. ऐसे मामलों में तुरंत पुलिस को सूचित करें। हाल के दिनों में डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसमें ठग खुद को सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताकर लोगों को गंभीर अपराध में फंसाने का डर दिखाते हैं।

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(Udaipur Kiran) / गायत्री प्रसाद धीवर

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