
शिमला, 2 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में लगातार तेज़ बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आगामी दिनों में और अधिक भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। आज और कल यानी 3 अगस्त तक प्रदेश के कई इलाकों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है, जबकि 4 और 5 अगस्त को कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। इसके बाद 6 से 8 अगस्त तक फिर से येलो अलर्ट रहेगा। मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।
शुक्रवार शाम से शनिवार सुबह तक ऊना जिले में सबसे ज्यादा 222 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई, जिससे स्वां नदी उफान पर है। ऊना शहर में दुकानों और घरों में बरसाती पानी घुस गया, सड़कों पर जलभराव से यातायात भी प्रभावित हुआ। हालात को देखते हुए ऊना जिला प्रशासन ने आज 2 अगस्त को सभी सरकारी व निजी स्कूलों, कॉलेजों, आईटीआई, प्रशिक्षण संस्थानों और आंगनवाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित किया है।
राज्य के अन्य इलाकों में भी बारिश ने कहर बरपाया है। चम्बा जिले के जोत में 158 मिमी, नंगल डैम में 145 मिमी, बिलासपुर में 120 मिमी, भटियात में 96 मिमी, ओलिंडा में 78 मिमी, नादौन में 73 मिमी, बरठीं में 69 मिमी, सुजानपुर टीहरा में 68 मिमी, देहरा गोपीपुर में 67 मिमी, चम्बा में 66 मिमी, धर्मशाला में 64 मिमी और नाहन व घुमरूर में 62 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
भारी बारिश और भूस्खलन के कारण प्रदेशभर में बड़ी संख्या में सड़कें और राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गए हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार शनिवार सुबह तक हिमाचल में चार नेशनल हाइवे और 383 सड़कें यातायात के लिए बंद रहीं। कुल्लू जिले में एनएच-305 और एनएच-3, मंडी जिले में एनएच-21 और लाहौल-स्पीति में एनएच-505 अवरुद्ध है। इसके अलावा मंडी जिले में 186 सड़कें, चम्बा में 89 और कुल्लू में 67 सड़कें बंद हैं।
भारी बारिश से बिजली और पानी की आपूर्ति पर भी असर पड़ा है। राज्य में 747 बिजली ट्रांसफार्मर और 249 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। अकेले ऊना जिले में 205 ट्रांसफार्मर खराब होने से बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। कुल्लू में 188 और चम्बा में 171 ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं। पेयजल योजनाओं में चम्बा में 93, कांगड़ा में 60 और ऊना में 26 स्कीमें प्रभावित हुई हैं।
पर्यटन नगरी मनाली के ऊपरी क्षेत्रों में भी लगातार बारिश से दिक्कतें बढ़ी हैं। मनाली-केलंग सड़क अटल टनल के पास वाहनों की आवाजाही के लिए बंद है, जबकि मनाली-रोहतांग-केलंग मार्ग भी बंता मोड़ के पास भूस्खलन के चलते बंद है। प्रशासन दोनों मार्गों को खोलने का प्रयास कर रहा है।
मानसून सीजन में अब तक 176 मौतें, 1526 घर हुए क्षतिग्रस्त
20 जून से शुरू हुए इस मानसून सीजन में बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से अब तक 176 लोगों की मौत, 281 घायल और 36 लोग लापता हो चुके हैं। सबसे अधिक मौतें मंडी में 35, कांगड़ा में 28, कुल्लू में 18, चम्बा में 17, शिमला में 15, सोलन में 12, हमीरपुर, किन्नौर व ऊना में 11-11, बिलासपुर में 8, लाहौल-स्पीति में 6 और सिरमौर में 4 लोगों की हुई हैं।
प्रदेश में मानसून के दौरान अब तक 28 बार बादल फटे, 47 जगह फ्लैश फ्लड और 42 भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। बारिश से 1526 घरों को नुकसान, जिनमें से 443 घर पूरी तरह ढह गए। अकेले मंडी में 1073 घर क्षतिग्रस्त और 386 घर पूरी तरह तबाह हुए हैं।
प्रदेश को इस मानसून से अब तक करीब 1678 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण विभाग को 865 करोड़ रुपये और जलशक्ति विभाग को 567 करोड़ रुपये का हुआ है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
