मीरजापुर, 11 अगस्त (Udaipur Kiran) । राजगढ़ विकासखंड के धनसिरिया ग्राम पंचायत स्थित निराश्रित पशु आश्रय केंद्र में इलाज और देखरेख की घोर लापरवाही सामने आई है। बीते एक सप्ताह में इलाज के अभाव में चार गौवंशों की मौत हो चुकी है, जबकि आठ बीमार व दुर्बल पशु जमीन पर पड़े अंतिम सांस ले रहे हैं।
आश्रय केंद्र में रखे गए 90 गौवंशों के लिए सरकार की ओर से चारा व रखरखाव का बजट उपलब्ध कराया जाता है, जिसकी जिम्मेदारी ग्राम पंचायत को सौंपी गई है। बावजूद इसके पशुओं को केवल सूखा भूसा दिया जा रहा है। बरसात के मौसम में मच्छरों और मक्खियों से बचाव की कोई व्यवस्था नहीं है। पशु परिसर में गंदा पानी भरा होने से संक्रमण फैल रहा है, जिसके चलते कई पशु गंभीर रूप से बीमार हैं।
बीमार पशुओं के इलाज की जिम्मेदारी पशु चिकित्सा अधिकारी की है, लेकिन उनकी अनदेखी और लापरवाही के चलते स्थिति लगातार बिगड़ रही है। मृत हो चुके दो गौवंशों के शव तीन दिन से आश्रय केंद्र में पड़े हैं, जिन पर मक्खियां भिनभिना रही हैं। वहीं, उपचार के नाम पर केवल चतुर्थ श्रेणी के पशु स्वास्थ्य कर्मियों को भेजा जा रहा है।
इस संबंध में पशु चिकित्सा अधिकारी अग्रेश यादव का कहना है कि बरसात के मौसम में पशुओं की मौतें बढ़ जाती हैं और इलाज के लिए कर्मचारियों को भेजा गया है। वहीं, आश्रय केंद्र के केयरटेकरों का आरोप है कि अधिकारी स्वयं कभी केंद्र पर आकर बीमार पशुओं का इलाज नहीं करते, सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
