CRIME

जमीनी विवाद को लेकर हुए खूनी संघर्ष में 4 लोगों की हत्या के मामले में 23 वर्ष बाद चार आरोपितों को आजीवन कारावास

प्रतीकात्मक छवि

गौतम बुद्ध नगर, 29 सितंबर (Udaipur Kiran News) । उत्तर प्रदेश के जनपद गौतम बुद्ध नगर के थाना दादरी क्षेत्र में जमीनी विवाद को लेकर वर्ष 2002 मे हुए खूनी संघर्ष में चार लोग हुई मौत के मामले में चार आरोपितों को जनपद गौतम बुद्ध नगर न्यायालय ने आज आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इन पर न्यायालय ने आर्थिक दंड भी लगाया है। इस घटना में शामिल दो अन्य आरोपितों की पूर्व मे मौत हो चुकी है।

सहायक शासकीय अधिवक्ता चवन पाल भाटी ने बताया कि थाना दादरी क्षेत्र के गांव नगला नयनसुख में जमीनी विवाद को लेकर वर्ष 2002 में दो पक्षों में खूनी संघर्ष हुआ था। इस मामले में थाना दादरी में बलवा, हत्या के प्रयास और हत्या सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। इसमें आरोपित गजेंद्र पुत्र होशियार सिंह , फिरे पुत्र भूले राम, रमेश उर्फ बिट्टू पुत्र श्री चंद तथा सिंटू उर्फ रविकांत पुत्र शायोराज आदि को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में पुलिस ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की। सुनवाई के दौरान घटना मे शामिल दो अन्य अभियुक्तों की मौत हो गई। जबकि जीवित 4 अभियुक्तों को दोषी पाए जाने पर न्यायालय ने आज आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इन पर 77 -77 हजार रुपये का अर्थदण्ड भी लगाया गया है। अर्थदण्ड जमा नहीं करने पर 6 माह की अतिरिक्त कारावास होगी।

सहायक शासकीय अधिवक्ता चवनपाल भाटी ने बताया कि थाना दादरी क्षेत्र के नगला नैनसुख गांव निवासी एक व्यक्ति के घर पर वर्ष 2002 में आधा दर्जन हथियारबंद लोगों ने हमला किया था। इस मामले में बलबीर सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उनके अनुसार 15 वर्षों से विजेंद्र, गजेंद्र आदि से गांव नगला नैनसुख में उनका भूमि विवाद चल रहा था। रंजिश के चलते 25 अप्रैल 2002 को सुबह 4 बजे आरोपित घातक हथियार से लैस होकर आए। जिसमें गजेंद्र, फिरे, नरेंद्र, संजय, सिंटू, बिट्टू और तीन अज्ञात लोग थे। इन लोगों ने घर में घुसकर गोली चलाई। इस घटना में जीत राम, धर्मवीर, नरेंद्र, सुरेंद्र, और रतन सिंह की पत्नी ममकौर गंभीर रूप से घायल हो गई। इस घटना में एक आरोपित नरेंद्र भी गोली लगने से घायल हो गया था। आरोपित घायल को भी अपने साथ ले गए थे। कुछ गांव के लोग मौके पर आए तो आरोपितों ने धमकी देकर उन्हे भगा दिया। मौके पर जीत राम की मौत हो गई थी, जबकि अन्य घायलों को अस्पताल भेजा गया। अस्पताल में उपचार के दौरान तीन अन्य की मौत हो गई।

उन्होंने बताया कि मामले की सुनवाई अपर जिला सत्र न्यायाधीश स्पेशल जज पास्को विजय कुमार हिमांशु की न्यायालय में चल रही थी। न्यायालय ने दोनों पक्षों की गवाहों के बयान दर्ज किए। अधिवक्ताओं की जिरह सुनी तथा चारों आरोपितों रमेश, सिंटू, फिरे, गजेंद्र को दोषी पाते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस घटना में शामिल दो नामजदों की सुनवाई के दौरान पूर्व में मौत हो चुकी है।

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(Udaipur Kiran) / सुरेश चौधरी

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