West Bengal

पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को जमानत, जेल से रिहाई पर संशय

पार्थ चटर्जी

कोलकाता, 26 सितंबर (Udaipur Kiran News) । पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति घोटाले से जुड़े मामले में लंबे समय से जेल में बंद राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को शर्तों के साथ जमानत दे दी। न्यायमूर्ति शुभ्रा घोष ने उनकी जमानत याचिका स्वीकार की, लेकिन अदालत ने साफ कर दिया कि उन्हें कई कड़े नियमों का पालन करना होगा।

अदालत ने निर्देश दिया है कि पार्थ चटर्जी मुकदमे की प्रक्रिया पूरी होने तक किसी भी सरकारी पद पर नहीं रहेंगे, हालांकि वे जनप्रतिनिधि के तौर पर अपने क्षेत्र में काम कर सकेंगे। इसके अलावा उन्हें अपना पासपोर्ट अदालत में जमा करना होगा, महीने में एक बार जांच अधिकारी से मिलना होगा और निचली अदालत के क्षेत्राधिकार से बाहर नहीं जाना होगा।

कानूनी हलकों में इस बात पर मतभेद है कि पार्थ चटर्जी की तुरंत रिहाई संभव होगी या नहीं। उनके वकीलों का कहना है कि नियुक्ति घोटाले से जुड़े सभी मामलों में उन्हें अब जमानत मिल चुकी है। हालांकि उच्चतम न्यायालय ने बीते 18 अगस्त को अपने आदेश में साफ किया था कि एक महीने के भीतर इस मामले में आरोप तय किए जाएं और दो माह में गवाही की प्रक्रिया पूरी की जाए। इस वजह से विशेषज्ञों का मानना है कि जेल से बाहर आने में अभी कुछ समय लग सकता है।

उल्लेखनीय है कि, 2022 में स्कूल शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी ने पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया था। उस दौरान उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के दो फ्लैटों से करोड़ों रुपये नकद बरामद हुए थे। अर्पिता मुखर्जी फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। पार्थ चटर्जी को भी इससे पहले ईडी और सीबीआई के अन्य मामलों में जमानत मिल चुकी है और अब प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति घोटाले में भी उन्हें राहत मिल गई है। हालांकि उनकी जेल से रिहाई अदालत की आगे की प्रक्रिया और शर्तों के पालन पर निर्भर करेगी।———————

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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