Uttar Pradesh

एमपी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष, पूर्व कुलपति प्रो यूपी सिंह का निधन

गोरक्षपीठ के वर्तमान सहित तीन पीठाधीश्वरों के सानिध्य में कार्य करने वाले विरले लोगों में शामिल रहे पूर्व कुलपति*
गोरक्षपीठ के वर्तमान सहित तीन पीठाधीश्वरों के सानिध्य में कार्य करने वाले विरले लोगों में शामिल रहे पूर्व कुलपति*
गोरक्षपीठ के वर्तमान सहित तीन पीठाधीश्वरों के सानिध्य में कार्य करने वाले विरले लोगों में शामिल रहे पूर्व कुलपति*
गोरक्षपीठ के वर्तमान सहित तीन पीठाधीश्वरों के सानिध्य में कार्य करने वाले विरले लोगों में शामिल रहे पूर्व कुलपति*
गोरक्षपीठ के वर्तमान सहित तीन पीठाधीश्वरों के सानिध्य में कार्य करने वाले विरले लोगों में शामिल रहे पूर्व कुलपति*
गोरक्षपीठ के वर्तमान सहित तीन पीठाधीश्वरों के सानिध्य में कार्य करने वाले विरले लोगों में शामिल रहे पूर्व कुलपति*
गोरक्षपीठ के वर्तमान सहित तीन पीठाधीश्वरों के सानिध्य में कार्य करने वाले विरले लोगों में शामिल रहे पूर्व कुलपति*
गोरक्षपीठ के वर्तमान सहित तीन पीठाधीश्वरों के सानिध्य में कार्य करने वाले विरले लोगों में शामिल रहे पूर्व कुलपति*
गोरक्षपीठ के वर्तमान सहित तीन पीठाधीश्वरों के सानिध्य में कार्य करने वाले विरले लोगों में शामिल रहे पूर्व कुलपति*

विद्वता, कर्मठता के साथ सांगठनिक कौशल के लिए भी याद किए जाएंगे प्रो. सिंह

गोरखपुर, 27 सितंबर (Udaipur Kiran News) । महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष, पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. उदय प्रताप सिंह (यूपी सिंह) का शनिवार सुबह निधन हो गया। 92 वर्षीय प्रो. सिंह पिछले कुछ महीनों से अस्वस्थ चल रहे थे। अध्यापन कार्य में आने के बाद से ही उनका पूरा जीवन गोरक्षपीठ और महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद को समर्पित रहा। प्रो. सिंह अपने पीछे दो पुत्रों दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. वीके सिंह और यूपी कॉलेज के आचार्य प्रो. राजीव कृष्ण सिंह का परिवार छोड़ गए हैं।

मूल रूप से गाजीपुर जिले के निवासी प्रो. यूपी सिंह उन विरले लोगों में शामिल रहे जिन्हें गोरक्षपीठ के लगातार तीन पीठाधीश्वरों के सानिध्य में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। गणित विषय के विद्वान रहे स्वर्गीय सिंह की बतौर शिक्षक पहली नियुक्ति गोरक्षपीठ के तत्कालीन पीठाधीश्वर महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज ने एमपी शिक्षा परिषद के महाराणा प्रताप महाविद्यालय में की थी। गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए महंत जी ने यह महाविद्यालय दान में दे दिया। तब यूपी सिंह विश्वविद्यालय में गणित के शिक्षक हो गए। अपने शैक्षिक सेवा यात्रा में उन्होंने बाद में पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के कुलपति के रूप में भी सेवाएं दीं।

महंत दिग्विजयनाथ जी के स्मृतिशेष होने के बाद प्रो. यूपी सिंह ने गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ जी महाराज के मार्गदर्शन में एमपी शिक्षा परिषद की सेवा की। उनकी सेवा साधना का यह अनुष्ठान वर्तमान गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सानिध्य में आजीवन जारी रहा।

प्रो. यूपी सिंह को विद्वता, कर्मठता के साथ उनके सांगठनिक कौशल के लिए भी याद किया जाएगा। वह डॉ. भोलेन्द्र सिंह के बाद वर्ष 2018 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष बनाए गए और अंतिम सांस लेने तक इस पद पर बने रहे। पिछले कुछ महीनों से अस्वस्थ होने के बावजूद वह शिक्षा परिषद के कार्य दायित्व के निष्पादन और अध्ययन में व्यस्त रहते थे। शिक्षा परिषद द्वारा 2021 में जब महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर की स्थापना की गई तो उन्हें इसका प्रति कुलाधिपति बनाया गया। प्रो. यूपी सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक और विद्या भारती में भी विविध पद दायित्वों का सकुशल निवर्हन किया।

सीएम की मौजूदगी में होगा अंतिम संस्कार

प्रो. यूपी सिंह का अंतिम संस्कार रविवार (28 सितंबर) को पावन राप्ती नदी के राजघाट पर दिन में 12 बजे से होगा। इस अवसर पर गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्रो सिंह को अंतिम विदाई देने के लिए उपस्थित रहेंगे।

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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय

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