
जयपुर, 28 सितंबर (Udaipur Kiran News) । सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 पेपर लीक मामले में एकलपीठ की ओर से भर्ती रद्द करने के दौरान आयोग की गई टिप्पणियों के खिलाफ राज्य लोक सेवा आयोग की तत्कालीन सदस्य मंजू शर्मा ने खंडपीठ में अपील दायर की है। जिस पर अदालत दशहरा अवकाश के बाद 8 अक्टूबर को सुनवाई कर सकती है।
अपील में अधिवक्ता दीपक चौहान ने कहा कि सब इंस्पेक्टर भर्ती पेपर लीक मामले में सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने अपीलार्थी के खिलाफ कठोर और अनुचित टिप्पणियां की है। जबकि उन्हें इस याचिका में न तो पक्षकार बनाया गया था और न ही उन्हें सुनवाई का मौका दिया गया। इसके अलावा एसओजी ने भी उन्हें भर्ती में दोषी नहीं माना है। ऐसे में दस्तावेज में केवल नाम का हवाला होने के आधार पर किसी आयोग सदस्य के खिलाफ न्यायिक फैसले में टिप्पणियां करना गलत है। अदालत की टिप्पणी से उनकी ईमानदारी और नैतिक छवि धूमिल हुई है और उन्हें सामाजिक व पेशेवर स्तर पर नुकसान उठाना पड़ा है। यहां तक की मानसिक तनाव बढ़ाने के कारण उन्हें पद से इस्तीफा देने के लिए भी मजबूर होना पड़ा। अदालत में बिना किसी साक्ष्य के यह टिप्पणियां की है। उनके खिलाफ कोई भी ऑडियो रिकॉर्डिंग और साक्ष्य आदि नहीं है, जो उन्हें दोषी ठहराए।
यह टिप्पणी की थी एकलपीठ ने-
हाईकोर्ट की एकलपीठ में गत 28 अगस्त को मामले में फैसला सुनाते हुए आरपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष और सदस्यों पर टिप्पणियां की थी। जस्टिस समीर जैन ने आदेश में कहा था कि पूर्व सदस्य रामू राम राइका की बेटी को शोभा राइका को इंटरव्यू में अच्छे अंक मिले थे। इसके लिए राइका ने आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय और सदस्य बाबूलाल कटरा, मंजू शर्मा, संगीता आर्य और जसवंत राठी (अब मृतक ) से मुलाकात की थी। राइका ने सिफारिश की, वे सुनिश्चित करें कि उनकी बेटी इंटरव्यू में पास हो। इन सदस्यों की भागीदारी आरपीएससी के अंदर पूरी व्यवस्था में भ्रष्टाचार का संकेत देती है। जिससे इंटरव्यू और लिखित परीक्षा दोनों ही चरणों में भर्ती की विश्वसनीयता को खतरा पहुंचा है।
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(Udaipur Kiran)
