
नैनीताल, 30 जून (Udaipur Kiran) । नैनीताल जनपद की न्यायिक मजिस्ट्रेट-सिविल जज जूनियर डिवीजन तनुजा कश्यप के न्यायालय ने नैनीताल के एक बहुचर्चित कथित सीबीआई अधिकारी के मामले में पूर्व पुलिस कर्मी को 6 वर्षों तक चली लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद दोषमुक्त घोषित कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि 26 जुलाई 2019 को नैनीताल की मल्लीताल कोतवाली पुलिस ने मल्लीताल कोतवाली पुलिस में पूर्व में कार्यरत-सेवानिवृत्त पुलिस कर्मी चार्टन लॉज पॉपुलर कंपाउंड मल्लीताल निवासी मोहम्मद आसिफ पुत्र मो. यामीन पर आरोप लगाया था, उन्होंने उसैद पासा पुत्र मो. अकरम निवासी साहपुर डसर थाना असमोली जनपद संभल उत्तर प्रदेश और खुद को सीबीआई को आईजी रैंक पर होना बताया।
इस आधार पर मो. आसिफ को उसैद पासा के साथ इसी दिन हिरासत में लेकर अगले दिन न्यायालय के आदेश पर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया। मामले में कोतवाली पुलिस ने 23 अक्टूबर 2019 को आरोप पत्र दाखिल किया और आरोपित पर 2 नवंबर 2022 को आरोपित विरचित किये गये। मामले में 23 जनवरी 2024 को आरोपित उसैद पाशा को नाबालिग घोषित करते हुए उसकी पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड नैनीताल को प्रेषित की गयी।
वहीं आरोपित की ओर से न्यायालय में कहा गया कि वह सह आरोपित उसैद पाशा को जानते भी नहीं हैं, और उनसे पुलिस कोई पूछताछ भी नहीं की और उनसे कोई बरामदगी भी नहीं हुई, उन्होंने कोई कूटरचित दस्तावेज भी नहीं बनाये। कूटरचित दस्तावेजों का कहीं उपयोग भी नहीं किया गया। इसके बावजूद उन्हें कोतवाली ले जाकर सीधे मुकदमा दर्ज कर दिया गया।
यह बाद साक्ष्यों से भी पुष्ट हुई। आरोपित मो. आसिफ से फर्जी प्रपत्र तैयार करने के संबंध में कोई भी लैपटॉप या अन्य प्रपत्र नहीं मिले, बल्कि उसैद पाशा ने ही यह प्रपत्र तैयार करवाये थे। उसैद पाशा से ही पुलिस ने एक वॉकी-टॉकी बरामद किया था, जिसे पुलिस ने मो. आसिफ से बरामद बताया। मामले में उप निरीक्षक दीपक बिष्ट ने भी अपनी प्रतिपरीक्षा में कहा कि उन्होंने मो. आसिफ से पूछताछ नहीं की थी। अभियोजन उसैद पाशा से प्राप्त प्रपत्रों को कूटरचित साबित करने में भी विफल रहा। इस आधार पर न्यायालय ने आरोपित मो. आसिफ को भारतीय दंड संहिता की धारा 467, 468 एवं 120बी के अंतर्गत दोषमुक्त होने के लिये पर्याप्त आधार पाते हुए दोषमुक्त घोषित कर दिया है।
दोषमुक्त घोषित होने के बाद कोतवाली पुलिस द्वारा उन्हें बिना कारण फंसाये जाने पर कहा कि इसके बावजूद वह पुलिस कर्मियों पर कोई कार्रवाई नहीं करने जा रहे हैं क्योंकि वह चाहते हैं कि पिछले 6 वर्षों में वह व उनका परिवार जितना परेशान रहा है, उस परेशानी में वह उन पुलिस कर्मियों को नहीं डालना चाहते हैं।
(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी
