
-ईडी ने 2023 में किया था सुरजाखेड़ा के खिलाफ मामला दर्ज
पंचकूला, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) । पंचकूला स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की विशेष अदालत ने नरवाना के पूर्व विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा की नियमित जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। सुरजाखेड़ा ने ईडी द्वारा 26 अक्टूबर 2023 को दर्ज किए गए मामले में जमानत याचिका दायर की थी।
पीएमएलए की धारा 19 के तहत कार्रवाई करते हुए ईडी ने उन्हें 9 जून 2025 को गिरफ्तार किया गया था। ईडी की जांच 7 मार्च 2023 को दर्ज हुई एक एफआईआर से शुरू हुई थी। यह एफआईआर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के मुख्य प्रशासक कार्यालय में मुख्य लेखा अधिकारी एवं डीडीओ चमन लाल की शिकायत पर दर्ज की गई थी। एफआईआर में आरोप था कि पंजाब नेशनल बैंक, मनीमाजरा, चंडीगढ़ में एचएसवीपी के एक बैंक खाते के जरिए धोखाधड़ी और वित्तीय नुकसान पहुंचाया गया है। एफआईआर के अनुसार, 2015 से 2019 के बीच इस खाते से लगभग 70 करोड़ रुपये की राशि बिना किसी ठोस कारण के कुछ खास पार्टियों के पक्ष में बार-बार डेबिट की गई। जांच में पाया गया कि यह खाता धोखाधड़ी से और एचएसवीपी की जानकारी के बिना संचालित किया जा रहा था, जिससे बड़ा वित्तीय नुकसान हुआ है।
अनुसूचित अपराधों वाली एफआईआर दर्ज होने के बाद ईडी ने एक ईसीआईआर दर्ज की। जांच में सामने आया कि एचएसवीपी से कुछ व्यक्तियों के खातों में फर्जी तरीके से रकम जमा की गई और फिर उसे नकदी के रूप में निकालकर रामनिवास सुरजाखेड़ा और सुनील कुमार बंसल को सौंप दिया गया। जांच में पता चला कि ये लोग मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में सक्रिय रूप से शामिल थे। रामनिवास को न केवल अपने बैंक खातों में, बल्कि अपनी पत्नी सहित परिवार के अन्य सदस्यों के खातों में भी आय प्राप्त हुई थी। इसके अतिरिक्त, रामनिवास और बंसल दोनों को बलविंदर, हरेंद्र पाल सिंह और अन्य व्यक्तियों से सीधे नकद राशि मिली थी, जिन्होंने एचएसवीपी से धोखाधड़ी करके धन प्राप्त किया था। मामले के अनुसार रामनिवास ने एचएसवीपी से बैंकिंग चैनलों और नकद दोनों माध्यमों से अपराध की आय प्राप्त की थी। इसी आधार पर यह निर्धारित किया गया कि उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध किया।
—————
(Udaipur Kiran) शर्मा
