
कोलकाता, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में पीड़िता का नाम सार्वजनिक करने पर पूर्व कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल ने कलकत्ता उच्च न्यायालय से बिना शर्त माफी मांगी है। वर्तमान में विशेष कार्यबल (स्पेशल टास्क फोर्स) के अतिरिक्त महानिदेशक पद पर तैनात गोयल ने न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा और न्यायमूर्ति अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ को पत्र लिखकर अपनी अनजाने में हुई गलती के लिए क्षमा याचना की।
खंडपीठ ने माफी स्वीकार करते हुए मामले को वहीं समाप्त करने का निर्णय लिया, हालांकि न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि दुष्कर्म और हत्या की पीड़िता का नाम सार्वजनिक करना बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।
इस दौरान न्यायमूर्ति मंथा ने राज्य और शहर पुलिस अधिकारियों के लिए एक कार्यशाला आयोजित करने का सुझाव भी दिया, जिसमें यह बताया जाए कि किसी विचाराधीन या संवेदनशील मामले को लेकर मीडिया से क्या कहना चाहिए और क्या नहीं।
बुधवार को निचली अदालत में सुनवाई के दौरान आर.जी. कर पीड़िता के माता-पिता के वकील ने जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती क्योंकि जांच की जिम्मेदारी संभाल रही अधिकारी संपत मीणा और पूर्व पुलिस आयुक्त गोयल दोनों ही भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1994 बैच के हैं।
गौरतलब है कि अगस्त 2024 में कोलकाता स्थित सरकारी आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के परिसर में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की यह सनसनीखेज घटना घटी थी। उस समय गोयल कोलकाता पुलिस आयुक्त थे और प्रारंभिक जांच उनके नेतृत्व में गठित विशेष जांच दल ने शुरू की थी।
घटना के बाद प्रदेशभर में भारी जन आक्रोश पनपा, जिसके चलते गोयल को आयुक्त पद से हटा दिया गया। इसके बाद कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथ में ली।
सीबीआई की ओर से वर्तमान में अतिरिक्त निदेशक के पद पर तैनात आईपीएस अधिकारी संपत मीणा इस जांच की अगुवाई कर रही हैं।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
