
पेरिस, 25 सितंबर (Udaipur Kiran News) । फ्रांस की एक अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी को 2007 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान के लिए लीबिया से अवैध रूप से धन प्राप्त करने के मामले में आपराधिक षड्यंत्र का दोषी ठहराया है। हालांकि भ्रष्टाचार और अवैध फंडिंग जैसे अन्य आरोपों से उन्हें बरी कर दिया गया है।
पेरिस की आपराधिक अदालत ने गुरुवार को 70 वर्षीय सरकोजी को दोषी करार देते हुए एक निलंबित सजा या जुर्माने की संभावना पर विचार किया है, लेकिन इस बाबत अंतिम सजा की घोषणा बाद में होगी। यह फैसला सरकोजी के राजनीतिक करियर के लिए एक और झटका है जो पहले भी भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी ठहराए जा चुके हैं।
अभियोजन पक्ष का आराेप था कि 2007 के राष्ट्रपति चुनाव के दाैरान सरकोजी ने लीबिया के तत्कालीन तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी से करीब 50 अरब यूरो की अवैध सहायता ली। सरकोजी के करीबी सहयोगियों ने गद्दाफी के साथ गुप्त समझौते किए थे जिसमें चुनावी ‘फंडिंग’ के बदले लीबिया को राजनीतिक समर्थन देने का वादा किया गया। हालांकि सरकोजी ने इन आरोपों को हमेशा ही राजनीतिक साजिश बताया।
इस बीच अदालत की मुख्य न्यायाधीश नताली गावारिनो ने फैसला सुनाते हुए कहा कि षड्यंत्र के सबूत पर्याप्त हैं, लेकिन अन्य आरोपों के लिए पर्याप्त प्रमाण नहीं मिले। यह मुकदमा 2023 से चल रहा था और इसमें सरकोजी के अलावा उनके कई अन्य सहयोगी भी इस मामले में आरोपित थे। सरकोजी ने फैसले के बाद कोई टिप्पणी नहीं की जबकि उनके वकील ने फैसने के खिलाफ अपील करने की घोषणा की।
फ्रांस के राजनीतिक गलियारें में इस फैसले को मिश्रित प्रतिक्रिया मिली है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के कार्यालय ने इसे “न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान” बताया जबकि विपक्षी दलों ने सरकोजी की सजा को देरी से होने वाली कार्रवाई करार दिया।
उल्लेखनीय है कि यह अदालती फैसला सरकोजी के लिए तीसरी बड़ी कानूनी हार है। वर्ष 2021 में उन्हें भ्रष्टाचार के लिए तीन साल की जेल (दो साल निलंबित) की सजा मिली थी और 2023 में एक अन्य मामले में भी उन्हें दोषी ठहराया गया था।
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(Udaipur Kiran) / नवनी करवाल
