
कोलकाता, 01 जुलाई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पूर्ववर्ती शिक्षण संस्थान योगेशचंद्र चौधुरी लॉ कॉलेज ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए अपने पासआउट छात्रों पर सख्त प्रतिबंध लागू कर दिया है। छात्रसंघ की ओर से जारी नई निर्देशिका के अनुसार, अब कॉलेज से पास होने के बाद कोई भी पूर्व छात्र आगामी पांच वर्षों तक कॉलेज के किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकेगा।
यह फैसला ऐसे समय में सामने आया है जब कसबा स्थित लॉ कॉलेज में एक छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले ने राज्य भर में कॉलेज परिसरों में पूर्व छात्रों की भूमिका को लेकर बहस छेड़ दी है। फरवरी में इसी कॉलेज में सरस्वती पूजा के मौके पर बाहरी लोगों के प्रवेश को लेकर हुए विवाद के बाद कलकत्ता हाई कोर्ट ने कॉलेज प्रशासन को बाहरी व्यक्तियों और पूर्व छात्रों के प्रवेश पर सख्ती बरतने का निर्देश दिया था।
छात्रसंघ की जारी अधिसूचना में कहा गया है कि पासआउट छात्रों को कॉलेज में प्रवेश या किसी कार्यक्रम में आमंत्रण नहीं दिया जाएगा। हालांकि, सरस्वती पूजा, पूर्व छात्रों के फुटबॉल/क्रिकेट मैच जैसे कुछ विशेष आयोजनों के लिए अपवाद रखा गया है। इसके अलावा, यदि कोई पासआउट छात्र पांच वर्षों के भीतर किसी विशेष उपलब्धि के लिए सम्मानित होता है, तो उस स्थिति में उसे कॉलेज परिसर में प्रवेश की अनुमति मिल सकती है।
बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसी लॉ कॉलेज की पूर्व छात्रा हैं, और छात्रसंघ की ओर से जारी बयान में इस बात का विशेष उल्लेख भी किया गया है।
यह सख्त कदम उस संवेदनशील पृष्ठभूमि में उठाया गया है जिसमें कसबा स्थित साउथ कालेज में एक छात्रा के साथ कॉलेज परिसर के भीतर मौजूद गार्ड रूम में कथित तौर पर बलात्कार हुआ। इस मामले में कॉलेज के दो छात्रों और एक पूर्व छात्र को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें वह पूर्व छात्र कॉलेज में अस्थायी कर्मचारी के तौर पर भी कार्यरत था। पुलिस ने सुरक्षा गार्ड को भी बयानों में विरोधाभास के चलते गिरफ्तार किया है। आरोपितों के तृणमूल छात्र परिषद से जुड़े होने की बात सामने आने के बाद राजनीतिक हलकों में भी हलचल मची है।
राज्य सरकार की ओर से इस मामले में सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है, और कोलकाता पुलिस ने जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
